भारतकोश ज्ञान का हिन्दी महासागर
आज का दिन - 1 अक्टूबर 2024 (भारतीय समयानुसार)
- राष्ट्रीय शाके 1945, 09 गते 16, आश्विन, रविवार
- विक्रम सम्वत् 2080, आश्विन, कृष्ण पक्ष, द्वितीया, रविवार, अश्विनी
- इस्लामी हिजरी 1445, 15, रबीउल अव्वल, इतवार, शुर्तैन-नत्ह
- मजरूह सुल्तानपुरी (जन्म), सचिन देव बर्मन (जन्म), एनी बेसेंट (जन्म), रामनाथ कोविंद (जन्म), जी.एम.सी. बालायोगी (जन्म), शिवाजी गणेशन (जन्म), सूरज भान (जन्म), एस. सुब्रह्मण्य अय्यर (जन्म), ए. के. गोपालन (जन्म), प्रताप सिंह कैरों (जन्म), माइकल फ़रेरा (जन्म), त्रिलोक सिंह ठकुरेला (जन्म), शारदा सिन्हा (जन्म), सुधी रंजन दास (जन्म), गुरदीप सिंह (जन्म), चन्दन सिंह गढ़वाली (मृत्यु), सुरेन्द्रनाथ द्विवेदी (मृत्यु), अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस, अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस
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भारतकोश हलचल
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर) • विश्व डाक दिवस (09 अक्टूबर) • भारतीय वायु सेना दिवस (08 अक्टूबर) • अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस (05 अक्टूबर) • विश्व पशु कल्याण दिवस (04 अक्टूबर) • गाँधी जयन्ती (02 अक्टूबर) • अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (02 अक्टूबर) • वन्यजीव सप्ताह (02-08 अक्टूबर) • विश्व आवास दिवस (02 अक्टूबर) • अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस (01 अक्टूबर) • अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस (01 अक्टूबर) • अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस (30 सितम्बर) • मासिक शिवरात्रि (30 सितम्बर) • विश्व हृदय दिवस (29 सितम्बर) • प्रदोष व्रत (29 सितम्बर) • इन्दिरा एकादशी (28 सितम्बर) • विश्व पर्यटन दिवस (27 सितम्बर) • विश्व मूक बधिर दिवस (26 सितम्बर)• पुत्री दिवस (24 सितम्बर) • हैफा दिवस (23 सितम्बर) • संकष्टी चतुर्थी (21 सितम्बर) • विश्व अल्जाइमर दिवस (21 सितम्बर) • विश्व शांति दिवस (21 सितम्बर) • विश्व आभार दिवस (21 सितम्बर) • रेलवे सुरक्षा बल स्थापना दिवस (20 सितम्बर) • पूर्णिमा (18 सितम्बर) • पितृ पक्ष (श्राद्ध) प्रारम्भ (18 सितम्बर) • अन्तरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस (18 सितम्बर) • विश्व बाँस दिवस (18 सितम्बर)
जन्म
लाल बहादुर शास्त्री (02 अक्टूबर) • महात्मा गाँधी (02 अक्टूबर) • तपन सिन्हा (02 अक्टूबर) • आशा पारेख (02 अक्टूबर) • प्रीतम सिवाच (02 अक्टूबर) • हंगपन दादा (02 अक्टूबर) • लीला नाग (02 अक्टूबर) • शंकर शेष (02 अक्टूबर) • प्रजापति मिश्र (02 अक्टूबर) • लवलीना बोरगोहेन (02 अक्टूबर) • मजरूह सुल्तानपुरी (01 अक्टूबर) • सचिन देव बर्मन (01 अक्टूबर) • एनी बेसेंट (01 अक्टूबर) • रामनाथ कोविंद (01 अक्टूबर) • जी.एम.सी. बालायोगी (01 अक्टूबर) • शिवाजी गणेशन (01 अक्टूबर) • सूरज भान (01 अक्टूबर) • एस. सुब्रह्मण्य अय्यर (01 अक्टूबर) • ए. के. गोपालन (01 अक्टूबर) • प्रताप सिंह कैरों (01 अक्टूबर) • माइकल फ़रेरा (01 अक्टूबर) • त्रिलोक सिंह ठकुरेला (01 अक्टूबर) • शारदा सिन्हा (01 अक्टूबर)
मृत्यु
राजा रवि वर्मा (02 अक्टूबर) • राजकुमारी अमृत कौर (02 अक्टूबर) • के. कामराज (02 अक्टूबर) • सी. डी. देशमुख (02 अक्टूबर) • चन्दन सिंह गढ़वाली (01 अक्टूबर) • सुरेन्द्रनाथ द्विवेदी (01 अक्टूबर)
भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
यह एक तरह की ध्यानावस्था ही है। यह एक ऐसा ध्यान है जो किया नहीं जाता या धारण नहीं करना होता बल्कि स्वत: ही धारित हो जाता है... बस लग जाता है। मनोविश्लेषण की पुरानी अवधारणा के अनुसार कहें तो अवचेतन मस्तिष्क (सब कॉन्शस) में कहीं स्थापित हो जाता है। दिमाग़ में बादाम जितने आकार के दो हिस्से, जिन्हें ऍमिग्डाला (Amygdala) कहते हैं, कुछ ऐसा ही व्यवहार करते हैं। ये दोनों कभी-कभी दिमाग़ को अनदेखा कर शरीर के किसी भी हिस्से को सक्रिय कर देते हैं। असल में इनकी मुख्य भूमिका संवेदनात्मक आपातकालिक संदेश देने की होती है। इस तरह की ही कोई प्रणाली संभवत: अवचेतन के संदेशों के निगमन को संचालित करती है। ऍमिग्डाला की प्रक्रिया को 'डेनियल गोलमॅन' ने अपनी किताब इमोशनल इंटेलीजेन्स में बहुत अच्छी तरह समझाया है। ...पूरा पढ़ें
पिछले सभी लेख → | सफलता का शॉर्ट-कट -आदित्य चौधरी | शहीद मुकुल द्विवेदी के नाम पत्र | शर्मदार की मौत |
एक व्यक्तित्व
महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें
पिछले लेख → | पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर | जे. आर. डी. टाटा | आर. के. लक्ष्मण |
पृथ्वीराज रासो हिन्दी भाषा में लिखा गया एक महाकाव्य है, जिसमें पृथ्वीराज चौहान के जीवन-चरित्र का वर्णन किया गया है। यह महाकवि चंदबरदाई की रचना है, जो पृथ्वीराज के अभिन्न मित्र तथा राजकवि थे। इसमें दिल्लीश्वर पृथ्वीराज के जीवन की घटनाओं का विशद वर्णन है। यह तेरहवीं शती की रचना है। डॉ. माताप्रसाद गुप्त इसे 1400 विक्रमी संवत के लगभग की रचना मानते हैं। इसमें पृथ्वीराज व उनकी प्रेमिका संयोगिता के परिणय का सुन्दर वर्णन है। यह ग्रंथ ऐतिहासिक कम काल्पनिक अधिक है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' में लिखा है- 'पृथ्वीराज रासो ढाई हज़ार पृष्ठों का बहुत बड़ा ग्रंथ है जिसमें 69 समय (सर्ग या अध्याय) हैं। प्राचीन समय में प्रचलित प्राय: सभी छंदों का व्यवहार हुआ है। मुख्य छंद हैं कवित्त (छप्पय), दूहा, तोमर, त्रोटक, गाहा और आर्या। ...और पढ़ें
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दीपावली अथवा 'दिवाली' भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। त्योहारों का जो वातावरण धनतेरस से प्रारम्भ होता है, वह आज के दिन पूरे चरम पर आता है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या को भगवान श्रीराम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने श्रीराम के राज्यारोहण पर दीपमालाएं जलाकर महोत्सव मनाया था। रात्रि के समय प्रत्येक घर में धनधान्य की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी, विघ्न-विनाशक गणेश जी और विद्या एवं कला की देवी मातेश्वरी सरस्वती की पूजा-आराधना की जाती है। ब्रह्म पुराण के अनुसार इस अर्धरात्रि में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक में आती हैं और प्रत्येक सद्गृहस्थ के घर में विचरण करती हैं। जो घर हर प्रकार से स्वच्छ, शुद्ध और सुंदर तरीक़े से सुसज्जित और प्रकाशयुक्त होता है, वहां अंश रूप में ठहर जाती हैं। ... और पढ़ें
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ब्रज डिस्कवरी पर हम आपको एक ऐसी यात्रा का भागीदार बनाना चाहते हैं जिसका रिश्ता ब्रज के इतिहास, संस्कृति, समाज, पुरातत्व, कला, धर्म-संप्रदाय, पर्यटन स्थल, प्रतिभाओं आदि से है।
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