मेजर ध्यानचंद खेल रत्न
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न (अंग्रेज़ी: Major Dhyanchand Khel Ratna) भारत में दिया जाने वाला सबसे बड़ा खेल पुरस्कार है। पहले इस पुरस्कार का नाम 'राजीव गाँधी खेल रत्न' था, जिसे बदल कर अब 'मेजर ध्यानचंद खेल रत्न' कर दिया गया है। इस पुरस्कार को भारत एवं विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है, जो तीन बार ओलम्पिक का स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है। प्राप्तकर्ताओं को मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति द्वारा चुना जाता है और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछले चार साल की अवधि में खेल क्षेत्र में शानदार और सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया जाता है।
सम्मान
इस पुरस्कार में एक पदक, एक प्रशस्ति पत्र और नगद राशि पुरस्कृत व्यक्ति को दिये जाते है। सन् 2018 में यह राशि 7.5 लाख रुपये थी। लेकिन अब यह राशि बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। सम्मानित व्यक्तियों को रेलवे की मुफ्त पास सुविधा प्रदान की जाती है जिसके तहत मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार विजेता राजधानी या शताब्दी गाड़ियों में प्रथम और द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित कोचों में मुफ्त में यात्रा कर सकते हैं।
खेल दिवस
ध्यानचंद भारतीय फील्ड हॉकी के भूतपूर्व खिलाड़ी एवं कप्तान थे जिनकी गिनती विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में होती है। वह 1928 में एम्सटर्डम ओलंपिक, 1932 में लॉस एंजेल्स ओलंपिक और 1936 के बर्लिन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे। उनकी जन्म तिथि 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय ओलम्पिक संघ ने ध्यानचंद को शताब्दी का खिलाड़ी घोषित किया था।
सम्मानित खिलाड़ी
खेल रत्न की शुरुआत 1991-1992 से हुई थी और यह पहले किसी खिलाड़ी को एक वर्ष में शानदार प्रदर्शन के लिए दिया जाता था। 2014 में पुरस्कार चयन समिति के सुझावों के आधार पर खेल मंत्रालय ने 2015 में चार वर्ष के प्रदर्शनों को आधार बनाया। अब तक इस पुरस्कार से 38 खिलाड़ी सम्मानित हो चुके हैं और 1991-1992 में सबसे पहले यह पुरस्कार शतरंज के ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया गया था। यह पुरस्कार ‘क्रिकेट के भगवान’ कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को 1997-1998 में और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को 2007 में दिया गया था। 2001 में अभिनव बिंद्रा महज 18 वर्ष की आयु में यह सम्मान पाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने।
पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों की सूची
क्रम | वर्ष | नाम | खेल |
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1 | 1991-92 | विश्वनाथन आनन्द | शतरंज |
2 | 1992-93 | गीत सेठी | बिलियर्ड्स |
3 | 1993-94 | होमी मोतीवाला (संयुक्त) | |
4 | 1993-94 | पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग (संयुक्त) | नौकायन |
5 | 1994-95 | कर्णम मल्लेश्वरी | भारोत्तोलन |
6 | 1995-96 | कुंजारानी देवी (संयुक्त) | भारोत्तोलन |
6 | 1996-97 | लिएंडर पेस (संयुक्त) | टेनिस |
7 | 1997-98 | सचिन तेंदुलकर | क्रिकेट |
8 | 1998-99 | ज्योतिर्मय सिकदार | एथलेटिक्स (ट्रैक और फील्ड) |
9 | 1999-2000 | धनराज पिल्लै | हॉकी |
10 | 2000-01 | पुलेला गोपीचंद | बैडमिंटन |
11 | 2001 | अभिनव बिंद्रा | शूटिंग |
12 | 2002 | के.एम. बीनामोल (संयुक्त) | एथलेटिक्स (ट्रैक और फील्ड) |
12 | 2002 | अंजलि भागवत (संयुक्त) | शूटिंग |
13 | 2003 | अंजू बॉबी जॉर्ज | एथलेटिक्स (ट्रैक और फील्ड) |
14 | 2004 | राज्यवर्धन सिंह राठौड़ | शूटिंग (निशानेबाज़ी) |
15 | 2005 | पंकज आडवाणी | बिलियर्ड्स और स्नूकर |
16 | 2006 | मानवजीत सिंह संधू | शूटिंग |
17 | 2007 | महेन्द्र सिंह धोनी | क्रिकेट |
वर्ष 2008 में किसी को नहीं दिया गया। | |||
18 | 2009 | मैरी कॉम (संयुक्त) | बाक्सिंग (मुक्केबाज़ी) |
18 | 2009 | विजेन्द्र कुमार सिंह (संयुक्त) | बाक्सिंग (मुक्केबाज़ी) |
18 | 2009 | सुशील कुमार (संयुक्त) | कुश्ती |
19 | 2010 | साइना नेहवाल | बैडमिंटन |
20 | 2011 | गगन नारंग | निशानेबाज़ी |
21 | 2012 | विजय कुमार | निशानेबाज़ी |
22 | 2012 | योगेश्वर दत्त | कुश्ती |
23 | 2013 | रोंजन सोढ़ी | निशानेबाज़ी |
वर्ष 2014 में किसी को नहीं दिया गया। | |||
24 | 2015 | सानिया मिर्जा | टेनिस |
25 | 2016 | पी.वी. सिंधु | बैडमिंटन |
26 | 2016 | दीपा करमाकर | जिम्नास्टिक |
27 | 2016 | जीतू राय | निशानेबाज़ी |
28 | 2016 | साक्षी मलिक | कुश्ती |
29 | 2017 | देवेन्द्र झाझरिया | पैरालम्पिक खेल |
30 | 2017 | सरदार सिंह | हॉकी |
31 | 2018 | मीराबाई चानू | भारोत्तोलन |
32. | 2018 | विराट कोहली | क्रिकेट |
33. | 2019 | दीपा मलिक | पैरालम्पिक खेल |
34 | 2019 | बजरंग पुनिया | कुश्ती |
35. | 2020 | रोहित शर्मा | क्रिकेट |
36. | 2020 | मरियप्पम टी | पैरा एथलीट |
37. | 2020 | मनिका बत्रा | टेबल टेनिस |
38. | 2020 | विनेश फोगाट | कुश्ती |
39. | 2020 | रानी रामपाल | हॉकी |
40. | 2020 | मरियप्पन थंगावेलु | पैरालम्पिक ऊँची कूद |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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