मोती मस्जिद, भोपाल
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मोती मस्जिद, भोपाल
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विवरण | यह मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद के आधार पर बनी हुई है। |
स्थान | भोपाल, मध्य प्रदेश |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 23° 15' 20", पूर्व- 77° 23' 58" |
निर्माता | सिकंदर जहाँ बेगम |
निर्माण काल | 1860 ई. |
वास्तुकला | सफ़ेद संगमरमर और लाल पत्थर के इस्तेमाल से बनाया गया। |
गूगल मानचित्र | |
अन्य जानकारी | सिकंदर जहाँ बेगम का घरेलू नाम मोती बीबी था और उन्हीं के नाम पर ही इस मस्जिद का नाम मोती मस्जिद रखा गया। |
मोती मस्जिद (अंग्रेज़ी: Moti Masjid) मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में स्थित है। इस मस्जिद की बुनियाद क़रीब डेढ़ सौ साल पहले रखी गई थी। मस्जिद की गहरे लाल रंग की दो मीनारें हैं, जो ऊपर नुकीली हैं और सोने के समान लगती हैं। मस्जिद को सफ़ेद संगमरमर और लाल पत्थर के इस्तेमाल से बनाया गया है और यह स्थापत्य का बेहद ख़ूबसूरत नमूना है।
- सुल्तानिया रोड स्थित मोती मस्जिद का प्रबंधन औकाफे शाही द्वारा किया जाता है।
- यह मस्जिद, भोपाल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण वास्तुकला का मील का पत्थर है और सबसे ज्यादा यह भारत की मुस्लिम महिलाओं के इतिहास में महत्वपूर्ण है।
- मोती मस्जिद को कदसिया बेगम की बेटी सिकंदर जहाँ बेगम ने 1860 ई. में बनवाया था।
- सिकंदर जहाँ बेगम का घरेलू नाम मोती बीबी था और उन्हीं के नाम पर ही इस मस्जिद का नाम मोती मस्जिद रखा गया।
- मोती बीबी काफ़ी पढ़ी-लिखी महिला थी, जो उस जमाने के हिसाब से आधुनिक थी। उनकी चेतना का स्तर काफ़ी ऊंचा था।
- इस मस्जिद के पूर्वी छोर पर स्थित लॉन को मोतिया पार्क के नाम से जाना जाता है।
- यह मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद के आधार पर बनी हुई है। मस्जिद की शैली दिल्ली में बनी जामा मस्जिद के समान है, लेकिन आकार में जामा मस्जिद से छोटी है।
- छोटे आकर के होने के बावजूद भी मोती मस्जिद में हर साल हजारों पर्यटक भ्रमण के लिए आते हैं, क्योंकि इसकी वास्तुकला बेहद सुंदर और खास है।
- मोती मस्जिद की गहरे लाल रंग की दो मीनारें हैं, जो ऊपर नुकीली हैं और सोने के समान लगती हैं।
- इसके गहरे लाल टॉवर और गोल्डन भालेनुमा संरचना एक लुभावनी दृष्टि प्रदान करते है।
- मस्जिद, मुख्य रूप से सफ़ेद रंग की है, जिसका निर्माण पूरी तरह से संगमरमर से किया गया है।
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