होलिका
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गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:00, 15 मार्च 2011 का अवतरण
- होलिका हिरण्यकशिपु नामक दैत्य की बहन और प्रह्लाद नामक विष्णु भक्त की बुआ थी।
- होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी। इस वरदान का लाभ उठाने के लिए विष्णु-विरोधी हिरण्यकशिपु ने उसे आज्ञा दी कि वह प्रह्लाद को लेकर अग्नि में प्रवेश कर जाए, जिससे प्रह्लाद की मृत्यु हो जाए।
- होलिका ने प्रह्लाद को लेकर अग्नि में प्रवेश किया। ईश्वर कृपा से प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई।
- होलिका के अंत की खुशी में होली का उत्सव मनाया जाता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ The Legend of Holika and Prahlad (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल) holifestival.org। अभिगमन तिथि: 15 मार्च, 2011।