आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश
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राजधानी | हैदराबाद |
राजभाषा(एँ) | तेलुगु भाषा,उर्दू भाषा |
स्थापना | 1956/11/01 |
जनसंख्या | 76,210,007 |
· घनत्व | 277 /वर्ग किमी |
क्षेत्रफल | 275,069sqkm |
भौगोलिक निर्देशांक | 17.366° N 78.476° E |
· ग्रीष्म | 45 °C |
· शरद | 13 °C |
ज़िले | 23 |
सबसे बड़ा नगर | हैदराबाद |
मुख्य ऐतिहासिक स्थल | हैदराबाद |
मुख्य पर्यटन स्थल | हैदराबाद, वारंगल, तिरुमाला, विजयवाड़ा, श्रीसेलम, यादागिरिगुट्टा, अन्नावरम, भद्राचलम |
लिंग अनुपात | 1000:978 ♂/♀ |
साक्षरता | 60.47% |
राज्यपाल | ईएसएल नरसिम्हन |
मुख्यमंत्री | कोनिजेती रोसै |
विधानसभा सदस्य | 294 |
लोकसभा क्षेत्र | 42 |
राज्यसभा सदस्य | 18 |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 14:20, 30 मार्च 2010 (IST)
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- भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर यह राज्य है।
- क्षेत्रफल के अनुसार भारत का यह चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से पाँचवा सबसे बड़ा राज्य है।
- इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है।
- भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में 1600 किलोमीटर है और दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट 972 किलोमीटर है।
इतिहास और भूगोल
आंध्र प्रदेश के विषय में प्रारंभिक विवरण ऐतरेय ब्राह्मण (लगभग2000 ईसा पूर्व) में मिलता है। इसमें उल्लेख हैं कि आंध्र प्रदेश के निवासी मूल रूप से आर्य जाति के थे और उत्तर भारत में रहते थे, जहां से वे विंध्य पर्वतों के दक्षिण तक चले गए और कालान्तर में अनार्यो के साथ घुल मिल गए।
- तेलुगु शब्द का मूल रूप संस्कृत में "त्रिलिंग" है। इसका तात्पर्य आंध्र प्रदेश के श्रीशैल के मल्लिकार्जुन लिंग, कालेश्वर और द्राक्षाराम के शिवलिंग से है। इन तीनों सीमाओं से घिरा देश त्रिलिंग देश और यहाँ की भाषा त्रिलिंग (तेलुगु) कहलाई। इस शब्द का प्रयोग तेलुगु के आदि-कवि "नन्नय भट्ट" के महाभारत में मिलता है। यह शब्द त्रिनग शब्द से भी उत्पन्न हुआ माना जाता है। इसका आशय तीन बड़े बड़े पर्वतों की मध्य सीमा में व्याप्त इस प्रदेश से है। आंध्र जनता उत्तर दिशा से दक्षिण की ओर जब हटाई गई तो दक्षिणवासी होने के कारण इस प्रदेश और भाषा को "तेनुगु" नाम दिया गया।
- तमिल भाषा में दक्षिण का नाम तेन है। तेनुगु नाम होने का एक और कारण भी है। तेनुगु में तेने (तेने उ शहद, अगु उ जाहो) शब्द का अर्थ है शहद। यह भाषा मधुमधुर होने के कारण तेनुगु नाम से प्रसिद्ध है। यह प्रदेश "वेगिनाम" से भी ज्ञात है। "वेगि" का अर्थ है कृष्णा, गोदावरी नदियों का मध्यदेश जो एक बार जल गया था। यह नाम भाषा के लिये व्यवहृत नहीं है।
- आंध्र एक जाति का नाम है। ऋग्वेद की कथा के अनुसार ऋषि विश्वामित्र के शाप से उनके 50 पुत्र आंध्र, पुलिंद और शबर हो गए। संभवत: आंध्र जाति के लोग आर्य क्षत्रिय थे।
- इतिहासकारों के अनुसार आंध्र प्रदेश का नियमित इतिहास 236 ईसा पूर्व से मिलना शुरू होता है। 236 ईसा पूर्व में ही सम्राट अशोक का निधन हुआ था और उसके बाद के समय में सातवाहन, शक, इक्ष्वाकु, पूर्वी चालुक्य और काकतीय ने इस तेलुगु भाषी देश पर राज्य किया। इनके बाद में विजय नगर और कुतुबशाही शासकों का शासन रहा और उनके बाद मीर कमरूद्दीन के शासन में 17 वीं शताब्दी से अंग्रेज़ों ने देश के कई भागों को अपने नियंत्रण में ले लिया और मद्रास प्रांत की स्थापना कर दी।
- स्वतंत्रता के पश्चात तेलुगु भाषी क्षेत्र को मद्रास प्रांत से अलग करके 1 अक्तूबर 1953 को नए प्रदेश का निर्माण किया गया जिसका नाम आंध्र प्रदेश रखा गया। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 बनने के बाद हैदराबाद राज्य को आंध्र प्रदेश में मिला कर 1 नवंबर, 1956 में 'आंध्र प्रदेश' राज्य का निर्माण हुआ।
- आंध्र प्रदेश के उत्तर में उड़ीसा राज्य और छत्तीसगढ़, पश्चिम में महाराष्ट्र और कर्नाटक, दक्षिण में तमिलनाडु और पूर्व में लगभग 975 किलोमीटर की तट रेखा बंगाल की खाड़ी है।
- आन्ध्र प्रदेश में उत्नूर नामक स्थान पर उत्खनन के परिणामस्वरूप वहां हड़प्पा युगोत्तर संस्कृति का अभिज्ञान हुआ है।
कृषि
आंध्र प्रदेश में नागरिकों का मुख्य व्यवसाय खेती है, इसके लगभग 62 प्रतिशत हिस्से में खेती होती है। आंध्र प्रदेश की मुख्य फ़सल चावल है और यहाँ के लोगों का मुख्य आहार भी चावल ही है। राज्य के कुल अनाज के उत्पादन का 77 प्रतिशत भाग चावल ही है। यहाँ की अन्य प्रमुख फ़सलें - ज्वार, तंबाकू, कपास और गन्ना हैं। आंध्र प्रदेश भारत का सबसे अधिक मूँगफली पैदा करने वाला राज्य है। राज्य के क्षेत्रफल के 23 प्रतिशत हिस्से में सघन घने वन हैं। वन उत्पादों में सागवान, यूकिलिप्टस, काजू, कैस्यूरीना और इमारती लकड़ी मुख्य रूप से हैं।
सिंचाई व्यवस्था
राज्य में महत्त्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाएं चल रही हैं उनमें 'वंश धारा परियोजना चरण - I', 'गोदावरी डेल्टा प्रणाली', 'येलेरू जलाशय परियोजना', 'कृष्णा डेल्टा पेन्नार नदी नहर प्रणाली', 'नीलम संजीव रेड्डी सागर परियोजना', 'तुंगभद्रा परियोजना' और 'राजो जी बंद परियोजना' शामिल है। आंध्र प्रदेश भारत का पहला राज्य है जिसमें सिंचाई साधनों के प्रबंधन में किसानों को भागीदार बनाया हैं।
उद्योग और खनिज
हैदराबाद और विशाखापत्तनम के पास बड़े उद्योगों में मशीनी औज़ार, औषाधियाँ, भारी बिजली मशीनें, उर्वरक, इलेक्ट्रॉंनिक उपकरण, विमानों के कलपुर्जे, सीमेंट और रसायन, कांच तथा घडियों आदि का उत्पादन होता है। आंध्र प्रदेश में देश के अच्छे किस्म के क्रिसोलाइट एस्बेस्टस के विशालतम भंडार हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ तांबा, मैगनीज, अभ्रक, कोयला तथा चूना पत्थर जैसे महत्त्वपूर्ण खनिज भी पाए जाते हैं। सिंगरेनी कोयला खानों से समूचे दक्षिण भारत में कोयले की आपूर्ति की जाती है।
सूचना प्रौद्योगिकी
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- आंध्र प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। आई. टी. क्षेत्र में राज्य में कई योजनाएं शुरू की गयी हैं।
- वारंगल, तिरुपति, काकीनाडा, विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, गुंटूर और कडप्पा जैसे शहरों में सूचना प्रौद्योगिकी का विस्तार हो रहा है। आई. आई. टी. मेडक ज़िले में कार्य करना शुरू कर रहा है और बिट्स पिलानी भी हैदराबाद में कैंपस खोलने की तैयारी कर रहा है।
- राजीव गांधी ज्ञान प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन तीन भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (कडप्पा में इदुपुलपया, कृष्णा ज़िले में नुजविद तथा आदिलाबाद में बसारा में) खोलने के लिए प्रयास हो रहे हैं।
परिवहन
- सड़कें
सन 2007 तक आंध्र प्रदेश से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 4,647 किलोमीटर थी और प्रांतीय सड़कों की लंबाई 63,863 किलोमीटर थी जिसमें 10,412 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग थे।
- रेलवे
आंध्र प्रदेश में लगभग 5,107 किलोमीटर रेलमार्गो में से 4,633 किलोमीटर बड़ी लाइन वाले, 437 किलोमीटर मीटर गेज तथा 37 किलोमीटर छोटी लाइन वाले हैं।
- उड्डयन
राज्य में महत्त्वपूर्ण हवाई अड्डे हैदराबाद, तिरुपति और विशाखापत्तनम में हैं। हैदराबाद से नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें हैं।
- बंदरगाह
विशाखापत्तनम आंध्र प्रदेश का प्रमुख बंदरगाह है। राज्य में कई छोटे बंदरगाह हैं। माल ढुलाई क्षमता में आंध्र प्रदेश का दूसरा स्थान है और इसकी क्षमता बढ़ जा रही है।
पर्यटन स्थल
- हैदराबाद में चारमीनार, सालारजंग संग्रहालय और गोलकुंडा क़िला
- वारंगल में सहस्त्र स्तंभ मंदिर और क़िला
- यादागिरिगुट्टा में श्रीलक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर
- नागार्जुनकोंडा और नागार्जुन सागर में बौद्ध स्तूप
- तिरूमाला-तिरूपति में श्री तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर
- श्रीसेलमक का श्रीमल्लिकार्जुनस्वामी मंदिर
- विजयवाड़ा का कनक दुर्गा मंदिर
- पानीगिरि, जहाँ प्राचीन शातवाहन कालीन बौद्ध उपनिवेश के भग्नावेशेष हैं।
- अन्नावरम में श्री सत्यनारायण स्वामी मंदिर
- सिम्हाचलम में श्री वराह नरसिंह स्वामी मंदिर
- भद्राचलम में श्री सीताराम मंदिर, अरकुघाटी, होर्सले पहाडियाँ, शेषचलम पहाड़ियाँ, एरामला पर्वतमाला, नल्लामलाई पर्वत और नेलापटटू आदि आंध्र प्रदेश के महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं।
- हैदराबाद की हुसैन सागर झील में टैंकबंद में प्रमुख तेलुगु महापुरुषों की 33 आदमक़द मूर्तियां लगाई गई हैं और झील के बीच में जिब्राल्टर चट्टान पर 60 फुट की विशालकाय बुद्ध प्रतिमा लगाई गई है। यह झील हैदराबाद और सिकंदराबाद शहरों को अलग करती है।
- केसरपल्ली आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िलांतर्गत एक ऐतिहासिक स्थान है।
नगुला पहाड़
नगुला पहाड़ आन्ध्र-प्रदेश के नलगोंडा ज़िले में स्थित है। यह स्थान प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इन मन्दिरों में से एक मन्दिर के प्रवेशद्वार पर सुन्दर शिल्पकला प्रदर्शित की गई है।
दावलेश्वरम
दावलेश्वरम नगर पूर्वी - गोदावरी ज़िला, पूर्वोत्तर आंध्र प्रदेश राज्य, दक्षिण भारत में स्थित है। गोदावरी नदी के मुहाने पर स्थित दावलेश्वरम में 3.2 किमी लंबा बाँध है।
वीथिका
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वारंगल क़िला
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विशाखापत्तनम का एक दृश्य
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कनक दुर्गा मंदिर, विजयवाड़ा
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