छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-5
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इस अध्याय में चौबीस खण्ड हैं।
मुख्य लेख : छान्दोग्य उपनिषद
- इस अध्याय में 'प्राण' की सर्वश्रेष्ठता एवं पंचाग्नि विद्या का विशद वर्णन किया गया है।
- साथ ही अग्नि का महत्त्व, जीव की गति, 'आत्मा' पर सत्यकाम जाबाल, श्वेतकेतु और प्रवाहण का संवाद तथा जीवन-जगत के गूढ़तम विषयों का सरल भाष्य प्रस्तुत किया गया है।
- जो इस प्रकार है:-
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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