पथ का पाप -रांगेय राघव

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:04, 23 जनवरी 2013 का अवतरण (''''पथ का पाप''' भारत के प्रसिद्ध उपन्यासकारों और साहि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

पथ का पाप भारत के प्रसिद्ध उपन्यासकारों और साहित्यकारों में गिने जाने वाले रांगेय राघव द्वारा लिखा गया उपन्यास है। यह उपन्यास 1 जनवरी, 2009 को प्रकाशित हुआ था। उपन्यास का प्रकाशन 'राजपाल प्रकाशन' द्वारा किया गया था। रांगेय राघव का यह उपन्यास ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित है।

  • हिन्दी के जाने-माने लेखक रांगेय राघव का उपन्यास 'पथ का पाप' एक कालजयी रचना है।
  • लेखक ने अपनी अन्य कृतियों के समान ही अपने इस उपन्यास के लिए भी ग्रामीण परिवेश को ही आधार बनाया है।
  • रांगेय राघव बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार थे। अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने कहानी, कविता, नाटक आदि विभिन्न विधाओं से हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया है।
  • मूल रूप से दक्षिण भारतीय होने के बावजूद भी हिन्दी पर रांगेय राघव की पकड़ सराहनीय थी।
  • उनके उपन्यास 'पथ का पाप' में उन्होंने स्वाधीन भारत के ग्रामीण जीवन में आये बदलाव के साथ-साथ धार्मिक रूढ़ियों का बड़ा ही मार्मिक और यथार्थ चित्रण किया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख