योगवासिष्ठ रामायण

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:05, 23 जून 2014 का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

योगवासिष्ठ रामायण प्रचलित अद्वैत वेदांतीय ग्रंथों में से एक है, जिसका बड़ा ही महत्त्व है। यह तैरहवीं शताब्दी रचे गये संस्कृत ग्रंथों में से एक है।

  • यह 'अध्यात्म रामायण' के समानांतर है, क्योंकि इसमें श्रीराम और वसिष्ठ के संवाद रूप में वेदांत के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला गया है।
  • 'योगवासिष्ठ रामायण' एक बड़ा विशालकाय ग्रंथ है, जिसमें 32,000 पद्य हैं।
  • इस ग्रंथ में अद्वैत वेदांत की शिक्षा के साथ सांख्य के विचारों का मिश्रण भी प्राप्त होता है।
  • योग की महत्ता पर भी इस ग्रंथ में बल दिया गया है।
  • इस ग्रंथ की रचना तिथि 1300 ई. के लगभग अथवा और पूर्व हो सकती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

श्रुतियाँ