व्याघ्रपाद
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व्याघ्रपाद पौराणिक महाकाव्य महाभारत[1] और मान्यताओं के अनुसार वशिष्ठ के गोत्र में उत्पन्न एक प्राचीन ऋषि थे, जो ऋग्वेद के कई मंत्रों के दृष्टा थे।[2] व्याघ्रपाद उपमन्यु के पिता थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 481 |
- ↑ महाभारत अनुशासन पर्व 14.45
- ↑ ऋग्वेद
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