पूर्णांगद
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पूर्णांगद हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार जनमेजय के सर्पयज्ञ में जले एक सर्प का नाम था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस.पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 72 |
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