द्विविद

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द्विविद हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के अनुसार एक वानर थे, जो वानरों के राजा सुग्रीव के मन्त्री थे और मैन्द के भाई थे।

  • द्विविद को भौमासुर का मित्र भी कहा गया है।
  • ये बहुत ही बलवान और शक्तिशाली थे, इनमें दस हजार हाथियों का बल था।
  • महाभारत सभा पर्व के अनुसार किष्किन्धा को पर्वत-गुहा कहा गया है और वहाँ वानरराज मैन्द और द्विविद का निवास स्थान बताया गया है।
  • महाबाहु सहदेव दक्षिणापथ की ओर गये और लोक विख्यात किष्किन्धा नामक गुफा में जा पहुँचे। वहाँ वानरराज मैन्द और द्विविद के साथ उन्होंने सात दिनों तक युद्ध किया था।

इन्हें भी देखें: किष्किन्धा


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 10 |

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