प्रच्छाण्डक
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
नवनीत कुमार (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:05, 28 अप्रैल 2016 का अवतरण (''''प्रच्छाण्डक''' हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
प्रच्छाण्डक हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार जनमेजय के सर्पयज्ञ में जले एक साँप का नाम था।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस.पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 73 |
संबंधित लेख