छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-6 खण्ड-3 से 4
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-6 खण्ड-3 से 4
| |
विवरण | 'छान्दोग्य उपनिषद' प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है। नाम के अनुसार इस उपनिषद का आधार छन्द है। |
अध्याय | छठा |
कुल खण्ड | 16 (सोलह) |
सम्बंधित वेद | सामवेद |
संबंधित लेख | उपनिषद, वेद, वेदांग, वैदिक काल, संस्कृत साहित्य |
अन्य जानकारी | सामवेद की तलवकार शाखा में छान्दोग्य उपनिषद को मान्यता प्राप्त है। इसमें दस अध्याय हैं। इसके अन्तिम आठ अध्याय ही छान्दोग्य उपनिषद में लिये गये हैं। |
छान्दोग्य उपनिषद के अध्याय छठे का यह तीसरे से चौथा खण्ड है। इन दोनों खण्डों में सृष्टि के त्रिगुणात्मक स्वरूप की उत्पत्ति का वर्णन किया गया है।
- त्रिगुणात्मक सृष्टि ने तीन प्रकार के जीव उत्पन्न किये। इन प्राणियों के ये तीन बीज-'अण्डज, ' 'जरायुज' और 'उद्भिज' कहलाये। तब सत्य-रूपी तेज ने उपर्युक्त तीनों बीजों से तीन-तीन जीवात्मा रूप उत्पन्न किये। ये तीनों रूप 'कारण, 'सूक्ष्म' और 'स्थूल' रूप में प्रकट हुए। इस त्रिविधि प्रवृत्ति के अनुरूप 'तेज' (अग्नि), 'जल' और 'अन्न' के भी तीन-तीन रूप हुए। उनके वर्ण इस प्रकार हैं-
- अग्नि - का वर्ण 'लाल' (तेज, प्रकाश), (जलतत्त्व का रूप) 'श्वेत' वर्ण और (अन्नतत्त्व का रूप) 'कृर्ष्ण' वर्ण है।
- आदित्य (सूर्य) - सूर्य की लालिमा प्रकाश-रूप है, श्वेत वर्ण जलतत्त्व है और कृर्ष्ण वर्ण अन्न-रूप हैं।
- इसी प्रकार 'चन्द्र' और 'विद्युत' के वर्ण भी बताये गये हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-1 |
खण्ड-1 | खण्ड-2 | खण्ड-3 | खण्ड-4 | खण्ड-5 | खण्ड-6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 | खण्ड-10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13 |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 |
खण्ड-1 | खण्ड-2 | खण्ड-3 | खण्ड-4 | खण्ड-5 | खण्ड-6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 | खण्ड-10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13 | खण्ड-14 | खण्ड-15 | खण्ड-16 | खण्ड-17 | खण्ड-18 | खण्ड-19 | खण्ड-20 | खण्ड-21 | खण्ड-22 | खण्ड-23 | खण्ड-24 |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-3 |
खण्ड-1 से 5 | खण्ड-6 से 10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13 से 19 |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-4 | |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-5 | |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-6 |
खण्ड-1 से 2 | खण्ड-3 से 4 | खण्ड-5 से 6 | खण्ड-7 | खण्ड-8 | खण्ड-9 से 13 | खण्ड-14 से 16 |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-7 | |
छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-8 |