उन सबके लिए जो निर्वासित हैं -रोहित ठाकुर

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उन सबके लिए जो निर्वासित हैं -रोहित ठाकुर
रोहित ठाकुर
रोहित ठाकुर
पूरा नाम रोहित ठाकुर
जन्म 6 दिसंबर, 1978
शिक्षा परा-स्नातक (राजनीति विज्ञान)
नागरिकता भारतीय
वृत्ति सिविल सेवा परीक्षा हेतु शिक्षण
सम्पर्क जयंती-प्रकाश बिल्डिंग, काली मंदिर रोड, संजय गांधी नगर, कंकड़बाग, पटना-800020, बिहार
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रोहित ठाकुर की रचनाएँ

निरंतर कोई निर्वासित हो रहा है
मेरे शहर का
सबसे पुराना मकान
मेरा दिमाग
इन दिनों निर्वासन भोग रहा है
दिवारों में जहाँ कोई खिड़की नहीं है
वह निर्वासित है
वहाँ कोई चेहरा हिलता कहाँ है
हमारे कंधे निर्वासन में हैं
वहाँ हौले से थपकियाँ नहीं पड़ती
घर की रौशनदान से
निर्वासित है गौरया
नींद की नदी में बह रही है लाश
वहाँ से निर्वासित हैं मछलियाँ
दुनिया भर की आवाज़ से
निर्वासित है मिठास ।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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