सिद्धार्थ संवत्सर
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सिद्धार्थ हिन्दू धर्म में मान्य संवत्सरों में से एक है। यह 60 संवत्सरों में 53वाँ है। इस संवत्सर के आने पर विश्व में राजाओं में परस्पर मैत्रा रहती है और सम्पूर्ण कार्य सिद्ध होते हैं। इस संवत्सर का स्वामी त्वष्टा को माना गया है।
- सिद्धार्थ संवत्सर में जन्म लेने वाला शिशु उदार चित्त, प्रसन्न, युद्ध में कीर्ति पाने वाला, सुंदर स्वरूप वाला, राजमंत्री तथा समर्थ होगा।
- ब्रह्माजी ने सृष्टि का आरम्भ चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से किया था, अतः नव संवत का प्रारम्भ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है।
- हिन्दू परंपरा में समस्त शुभ कार्यों के आरम्भ में संकल्प करते समय उस समय के संवत्सर का उच्चारण किया जाता है।
- संवत्सर 60 हैं। जब 60 संवत पूरे हो जाते हैं तो फिर पहले से संवत्सर का प्रारंभ हो जाता है।
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