मनमोहन महापात्र
मनमोहन महापात्र (अंग्रेज़ी: Manmohan Mahapatra, जन्म- 10 नवंबर, 1951; उड़ीसा; मृत्यु- 13 जनवरी, 2020, भुवनेश्वर) उड़िया फ़िल्मों के प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता-निर्देशक थे। उड़िया सिनेमा को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में उनका योगदान अतुलनीय है। 30वें 'राज्य चलचित्र पुरस्कार' में मनमोहन महापात्र को उनकी फिल्म 'भिजा माटी र स्वर्ग' के लिए श्रेष्ठ निदेशक सम्मान से सम्मानित किया गया था।
परिचय
मनमोहन महापात्र का जन्म 10 नवंबर, 1951 को हुआ था। उन्होंने पुणे में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में फिल्म निर्माण का अध्ययन किया। सन 1975 में मनमोहन महापात्र ने अपनी पहली लघु फिल्म 'एंटी-मेमोरियर्स' बनाई। 1976 में उनकी पहली फिल्म 'सीता रति' ने उन्हें ओडिया में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। मनमोहन महापात्र ने बिट्स और मोहरे सहित कुछ हिंदी फिल्मों का निर्देशन भी किया। अनुभवी फिल्म निर्माता मनमोहन महापात्र ने 'वॉयस ऑफ साइलेंस' और 'कोणार्क: द सन टेम्पल' नामक वृत्तचित्रों का निर्देशन भी किया।
पुरस्कार
मनमोहन महापात्र ने अपनी फिल्मों 'सीता रति', 'मझि पाछा', 'निसिधा स्वप्ना', 'क्लांता अपर्णा', 'निरबा झाड़ा', 'भीना समाया' के लिए लगातार आठ राष्ट्रीय पुरस्कार जीते थे। उनकी कृति 'निरबा झाड़ा' ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। मनमोहन महापात्र को हाल ही में ओडिया फिल्म 'भीजा मतिरा स्वराग' के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला।
मृत्यु
नेशनल अवॉर्ड जीतने वाले ओडिशा के मशहूर फिल्म निर्देशक मनमोहन महापात्रा का निधन 13 जनवरी, 2020 में हुआ। वे लंबे वक्त से अस्पताल में भर्ती थे, जिसके बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। महापात्रा ने 69 की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा।
मनमोहन महापात्रा का निधन उड़िया सिनेमा जगत में बहुत बड़ी क्षति है। उनके निधन पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शोक व्यक्त किया। नवीन पटनायक ने शोक संदेश में कहा- "मैं महान फिल्ममेकर मनमोहन महापात्रा के निधन की खबर से बहुत दु:खी हूं। सिनेमा जगत में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा"।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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