प्रतिमा देवी (अभिनेत्री)

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प्रतिमा देवी (अंग्रेज़ी: Prathima Devi, जन्म- 9 अप्रॅल, 1933; मृत्यु- 6 अप्रॅल, 2021) कन्नड़ सिनेमा की प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री थीं। उन्होंने अभिनय के सपने को पूरा करने के लिए घर छोड़ दिया था। एक्टिंग के प्रति उनमें इतना जुनून था कि महज 11 साल की उम्र में इसे पूरा करने के लिए कोशिशें शुरू कर दी थीं। प्रतिमा देवी को कर्नाटक सरकार द्वारा 2000-2001 के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।

परिचय

प्रतिमा देवी ने अपने करियर में 60 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उनकी आखिरी फिल्म ‘रमा शमा भामा’ थी, जो 2005 में रिलीज हुई थी। वे दक्षिण की पुरानी अभिनेत्रियों में से एक थीं। प्रतिमा देवी ने अपना फिल्म डेब्यू 1947 में ‘कृष्ण लीला’ नाम की फिल्म से किया था। इसके बाद साल 1951 में उन्होंने ‘जगनमोहिनी’ नाम की एक फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई थी। अभिनेत्री प्रतिमा देवी तीन संतान हैं- एस.वी. राजेंद्र सिंह, बाबू और विजयलक्ष्मी सिंह।

‘जगनमोहिनी’ पहली कन्नड़ फिल्म थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर लगातार 100 दिन पूरे किए थे। प्रतिमा देवी को कर्नाटक सरकार द्वारा 2000-2001 के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। अभिनेत्री प्रतिमा देवी की शादी साउथ निर्देशक शंकर से हुई थी। उनके बेटे राजेंद्र सिंह भी एक फिल्म डायरेक्टर हैं और बेटी विजयलक्ष्मी सिंह अभिनेत्री व फिल्म निर्माता हैं।

फ़िल्मी शुरुआत

प्रतिमा देवी ने अपने अभिनय के सपने को पूरा करने के लिए घर छोड़ दिया था। एक्टिंग के प्रति उनमें इतना जुनून था कि महज 11 साल की उम्र में इसे पूरा करने के लिए कोशिशें शुरू कर दी थीं। इसलिए वह अपने घर उडूपी से निकल गई थीं। सिर्फ 13 साल की उम्र में उन्होंने सिनेमा में एंट्री भी ले ली थी। इतनी कम उम्र में उन्हें पहली फिल्म ‘कृष्ण लीला’ मिली थी।

मृत्यु

दक्षिण में कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की दिग्गज अभिनेत्री प्रतिमा देवी का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि वह बीमार थीं और खराब स्वास्थ्य के बाद 6 अप्रैल को उन्होंने को अलविदा कह दिया। जानकारी के अनुसार अंतिम संस्कार के लिए उनके पार्थिव शरीर को दिवंगत पति के घर मैसूर ले जाया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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