उषा मंगेशकर

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उषा मंगेशकर (अंग्रेज़ी: Usha Mangeshkar, जन्म- 15 दिसम्बर, 1935, सांगली, मध्य प्रदेश) भारतीय सिनेमा की 'स्वर कोकिला' कही गईं लता मंगेशकर की छोटी बहन हैं। उन्होंने अपने गायिकी करियर में हिंदी, मराठी, बंगाली, भोजपुरी, नेपाली, आसामी और कन्नड़ सभी भाषाओं में गाने गाये हैं। उषा मंगेशकर ने बॉलीवुड फिल्म 'सुबह का तारा' में 'मेरी बड़ी भाभी आई' से डेब्यू किया था।

परिचय

उषा मंगेशकर का जन्म 15 दिसंबर, 1935 को मध्य प्रदेश के ‘सांगली’ में हुआ था। उनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर था जो प्रसिद्ध रंगमंच अभिनेता, गायक तथा संगीतकार थे। उषा मंगेशकर ने फिल्म ‘सुबह का तारा’ के हिंदी गीत ‘बड़ी धूमधाम से मेरी भाभी आई’ से बॉलीवुड इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। यह एक रोमांटिक ड्रामा गीत था। उन्होंने अपने गायिकी कॅरियर में लगभग सभी भाषाओं के गीतों में अपनी आवाज दी है।[1]

उषा मंगेशकर के पिता का उस समय देहांत हो गया था जब वह महज 6 साल की थीं। पिता की मौत के बाद उषा और उनके भाई-बहनों ने अनेक समस्याओं का सामना किया। लता मंगेशकर ने गायिकी में कदम रखा और फिर धीरे-धीरे आशा भोसले और उषा मंगेशकर ने भी गाना शुरू कर दिया। उषा मंगेशकर मशहूर गायिका लता मंगेशकर तथा आशा भोंसले की छोटी बहन हैं और हिन्दी फ़िल्मी गीतों की पार्श्वगायिका हैं।

परिवार

पिता दीनानाथ मंगेशकर मध्यवर्गीय परिवार से थे और रंगमंच एलजीके कलाकार व गायक थे। उषा मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर भारतीय संगीतकार हैं जो लता मंगेशकर, आशा भोंसले और उषा मंगेशकर के भाई हैं। इनको संगीत और फ़िल्म जगत में बालासाहब के नाम से जाना जाता है। उषा के पिता का निधन उनके बचपन में ही हो गया था। ऐसे में परिवार की जिम्मेदारियों को उठाने के लिए घर की बड़ी बेटी लता मांगेशकर ने गाना शुरू किया और इसके बाद उनकी बहन आशा और उषा भोंसले ने भी धीरे- धीरे गाना शुरू किया।

कॅरियर

वर्ष 1953 में उषा मंगेशकर ने प्लेबैक सिंगर के रूप में अपना कॅरियर शुरू किया था। हालांकि, इससे पहले वह कुछ कम बजट की फिल्मों में गा चुकी थीं। इसके बाद ही उन्हें बड़ी सफलता मिली। 1975 में आई फिल्म ‘जय संतोषी मां’ में उन्होंने ‘मैं तो आरती’ गाया और घर-घर में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उषा को महाराष्ट्र के शिक्षामंत्री ने डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री से सम्मानित किया था।[1]

लोक संगीत से लगाव

उषा मंगेशकर को लोक संगीत से बहुत लगाव रहा है। उन्होंने 60 साल से अधिक उम्र तक सिंगिंग की। उन्होंने 1992 में दूरदर्शन के लिए म्यूजिकल ड्रामा ‘फूलवतीं’ को प्रोड्यूस किया था। जिसकी कहानी बाबा साहेब पुरंदरे पर आधारित थी। राज एन. सिप्पी की सस्पेंस थ्रिलर फिल्म ‘इनकार’ में उषा मंगेशकर ने चार्ट बस्टर सॉन्ग ‘मुंगड़ा’ गाया था। ‘मुंगड़ा’ गीत को फिल्म ‘टोटल धमाल’ में रिक्रिएट किया गया, लेकिन ओरिजिनल सिंगर उषा मंगेशकर इससे खुश नहीं थीं। वह पुराने गीत के रिमिक्स के बिल्कुल खिलाफ हैं।

लताजी के साथ गायकी

वर्ष 2017 में 27 साल के लंबे वक्त के बाद उषा मंगेशकर और लता मंगेशकर ने फिल्म ‘मैं खुदीराम बोस हूं’ के गीत ‘एक बार बधाई दे दो मन’ को साथ में गाया। यह फिल्म एक बंगाली फ्रीडम फाइटर की लाइफ पर बेस्ड थी। इससे पहले दोनों पिछली बार फिल्म ‘आया मौसम दोस्ती का’ और ‘मैंने प्यार किया’ में साथ गाया था।

गायिकी या चित्रकारी

उषा मंगेशकर ने कहा था कि अगर वह गायिका न होतीं तो पेंटिंग करतीं। उनकी पेंटिंग की थीम पोट्रेट रहती है क्योंकि मुंबई में लैंडस्केप का स्कोप ही नहीं है। उन्होंने अपनी पेंटिंग प्रदर्शनी कई बार मुंबई में लगाई है। उसको अच्छा रिस्पांस भी मिला है। लॉकडाउन के दौरान लता मंगेशकर की बहन उषा मंगेशकर को सांस लेने में तकलीफ के चलते ब्रीच कंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 हैप्पी बर्थडे उषा मंगेशकर (हिंदी) aakrati.in। अभिगमन तिथि: 26 फरवरी, 2022।

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