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06:50, 21 जून 2011 का अवतरण

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

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ज्ञान का हिन्दी-महासागर

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आज का दिन - 24 मई 2024 (भारतीय समयानुसार)


एक आलेख

Sansad-Bhavan.jpg

        संसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें

पिछले आलेख राष्ट्रपति रसखान की भाषा मौर्य काल


एक पर्यटन स्थल

डल झील

        डल झील का प्रमुख आकर्षण केन्द्र तैरते हुए बग़ीचे हैं। पौराणिक मुग़ल किलों में यहाँ की संस्कृति तथा इतिहास के दर्शन होते हैं। डल झील के पास ही मुग़लों के सुंदर एवं प्रसिद्ध पुष्प वाटिका से डल झील की आकृति और उभरकर सामने आती है। कश्मीर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय झील के तट पर स्थित है। शिकारे के माध्यम से सैलानी नेहरू पार्क, कानुटुर खाना, चारचीनारी, कुछ द्वीप जो यहाँ पर स्थित हैं, उन्हें देख सकते हैं। श्रद्घालुओं के लिए हज़रतबल तीर्थस्थल के दर्शन करे बिना उनकी यात्रा अधूरी रह जाती है। शिकारे के माध्यम से श्रद्धालु इस तीर्थस्थल के दर्शन कर सकते हैं। दुनिया भर में यह झील विशेष रूप से शिकारों या हाऊस बोट के लिए जानी जाती है। डल झील के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता अधिक संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ... और पढ़ें

पिछले पर्यटन स्थल लक्षद्वीप चंडीगढ़ लाल क़िला


ऐसा भी हुआ !


सूक्ति और कहावत
  • कला का सत्य जीवन की परिधि में सौन्दर्य के माध्यम द्वारा व्यक्त अखण्ड सत्य है। -महादेवी वर्मा (दीपशिखा चिंतन के कुछ क्षण, पृ. 10)
  • हमारी उन्नति का एकमात्र उपाय यह है कि हम पहले वह कर्तव्य करें जो हमारे हाथ में है, और इस प्रकार धीरे–धीरे शक्ति संचय करते हुए क्रमशः हम सर्वोच्च अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं। -विवेकानन्द (विवेकानन्द साहित्य, तृतीय खण्ड, पृ0 43) .... और पढ़ें
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भारतकोश हलचल

विश्व धूम्रपान निषेध दिवस (31 मई) हिंदी पत्रकारिता दिवस (30 मई) गोवा स्थापना दिवस (30 मई) एमनेस्टी इंटरनेशनल डे (28 मई) संकष्टी चतुर्थी (26 मई) नारद जयंती (25 मई) बुद्ध पूर्णिमा (23 मई) पौर्णमासी व्रत (23 मई) वैशाख पूर्णिमा (23 मई) विश्व कछुआ दिवस (23 मई) गुरु अमरदास जयन्ती (22 मई) विश्व जैव विविधता दिवस (22 मई) नृसिंह जयंती (21 मई) अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस (21 मई) आतंकवाद विरोधी दिवस (21 मई) प्रदोष व्रत (20 मई) मोहिनी एकादशी (19 मई) अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (18 मई) पोखरण परमाणु विस्फोट दिवस (18 मई) सीता नवमी (17 मई) विश्व दूरसंचार दिवस (17 मई) विश्व उच्चरक्तचाप दिवस (17 मई) सिक्किम स्थापना दिवस (16 मई) राष्ट्रीय डेंगू दिवस (16 मई) दुर्गाष्टमी (15 मई) विश्व परिवार दिवस (15 मई) गंगा सप्तमी (14 मई) वृष संक्रान्ति (14 मई) रामानुजाचार्य जयन्ती (13 मई) शंकराचार्य जयन्ती (12 मई) सूरदास जयन्ती (12 मई) अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (12 मई) मातृ दिवस (12 मई) विनायक चतुर्थी (11 मई) राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (11 मई) परशुराम जयन्ती (10 मई) अक्षय तृतीया (10 मई) बदरीनाथ-केदारनाथ दर्शन प्रारम्भ (10 मई)


जन्म
रामकिंकर बैज (26 मई) मनोरमा (26 मई) सुशील कुमार पहलवान (26 मई) विलासराव देशमुख (26 मई) अरुणा रॉय (26 मई) सरताज सिंह (26 मई) छगनराज चौपासनी वाला (26 मई) रास बिहारी बोस (25 मई) दाग़ देहलवी (25 मई) काज़ी नज़रुल इस्लाम (24 मई) बछेंद्री पाल (24 मई) रंजन मथाई (24 मई) करतार सिंह सराभा (24 मई) जन कृष्णमूर्ति (24 मई) राजेश रोशन (24 मई)
मृत्यु
श्रीकांत वर्मा (26 मई) चम्पक रमन पिल्लई (26 मई) के. पी. एस. गिल (26 मई) बलबीर सिंह (25 मई) भगवत रावत (25 मई) सुनील दत्त (25 मई) आशुतोष मुखर्जी (25 मई) लक्ष्मीकांत (25 मई) रजनीकांत अरोल (25 मई) के. एस. हेगड़े (24 मई) प्रतापचंद्र मज़ूमदार (24 मई) गुरु हनुमान (24 मई) मजरूह सुल्तानपुरी (24 मई) एस. के. पाटिल (24 मई)

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समाचार

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अंडर-19 विश्वकप ट्रॉफी 2018 के साथ भारतीय क्रिकेट टीम
सुशील कुमार


भूला-बिसरा भारत
  • 'टेसू' को साथ लेकर बच्चे घर-घर जाकर पैसे मांगते थे चाहे वे अमीर घर के हों या ग़रीब ...और पढ़ें

  • भारतीय शिक्षा परंपरा में 'टोल' का प्रचलन लगभग पूरे भारत में था ...और पढ़ें

  • घर-घर में पायी जाने वाली 'रहल' अब दुर्लभ हो गयी है ... और पढ़ें

  • भारत में पहले छोटी मुद्रा के रूप में भी प्रयोग होती थी 'कौड़ी' ? ... और पढ़ें

एक व्यक्तित्व

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        महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें

पिछले लेख पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर जे. आर. डी. टाटा आर. के. लक्ष्मण


चयनित चित्र

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