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*[[महाभारत भीष्म पर्व]] के अनुसार [[मगध महाजनपद|मगध]] और [[कलिंग|कलिंग देश]] के योद्धा दासेरकगणों के साथ कवच धारण करके [[व्यूह रचना|व्यूह]] के दायें पंख के स्थान में स्थित था। कारूष, विकुंज, मुण्ड और कुण्डीवृष आदि के योद्धा राजा बृहद्वल के साथ बायें पंख के स्थान में खड़े थे।<ref>{{cite web |url=http://hi.krishnakosh.org/%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A3/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4_%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%AE_%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5_%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF_56_%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%95_1-22|title=महाभारत भीष्म पर्व|accessmonthday=19 फरवरी|accessyear=2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=कृष्णकोश|language=हिन्दी}}</ref>
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*कारूष, विकुंज, मुण्ड और कुण्डीवृष आदि के योद्धा राजा बृहद्वल के साथ बायें पंख के स्थान में खड़े थे।
  
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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==संबंधित लेख==
 
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07:01, 26 फ़रवरी 2016 का अवतरण

मुण्ड का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। यह आधुनिक राँची का ज़िला था।

  • महाभारत भीष्म पर्व के अनुसार मगध और कलिंग देश के योद्धा दासेरकगणों के साथ कवच धारण करके व्यूह के दायें पंख के स्थान में स्थित था।
  • कारूष, विकुंज, मुण्ड और कुण्डीवृष आदि के योद्धा राजा बृहद्वल के साथ बायें पंख के स्थान में खड़े थे।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 87 |


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