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इसलिया [[बिहार]] में स्थित है। इसलिया का वर्तमान केसरिया है। प्राचीन [[बौद्ध]] [[स्तूप]] के खण्डहर आज कल राजा 'बेन का देवरा' नाम से प्रसिद्ध हैं [[फाह्यान]] ने इस स्थान को देखा था। बौद्ध किंवदन्ती के अनुसार इसलिया पूर्व जन्म में [[बुद्ध]] चक्रवर्ती राजा के रूप में जन्मे थे। इसी स्थान पर बुद्ध ने [[लिच्छवी|लिच्छवियों]] से विदा लेते समय अपना कमण्डल उन्हें दे दिया था। स्तूप इसी घटना का स्मारक था।  
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*इसलिया का वर्तमान नाम '''केसरिया''' है।  
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*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 84| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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08:45, 11 मई 2018 के समय का अवतरण

  • इसलिया बिहार में स्थित है।
  • इसलिया का वर्तमान नाम केसरिया है।
  • प्राचीन बौद्ध स्तूप के खण्डहर आजकल राजा 'बेन का देवरा' नाम से प्रसिद्ध हैं फाह्यान ने इस स्थान को देखा था।
  • बौद्ध किंवदन्ती के अनुसार इसलिया पूर्व जन्म में बुद्ध चक्रवर्ती राजा के रूप में जन्मे थे।
  • इसी स्थान पर बुद्ध ने लिच्छवियों से विदा लेते समय अपना कमण्डल उन्हें दे दिया था।
  • स्तूप इसी घटना का स्मारक था।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 84| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


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