एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

"आग्नेय" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('*वाल्मीकि रामायण<ref>वाल्मीकि रामायण, 2,71,3</ref> में इस ग्र...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*[[वाल्मीकि रामायण]]<ref>वाल्मीकि रामायण, 2,71,3</ref> में इस ग्राम का उल्लेख है, 'एलधाने नदीं तीर्त्वा प्राप्य चापरपर्वतान्, शिलामाकुर्वन्तीं तीर्त्वा आग्नेय शल्यकर्षणम्'।
+
'''आग्नेय''' नामक स्थान का वर्णन [[वाल्मीकि रामायण]]<ref>वाल्मीकि रामायण, 2,71,3</ref> में आया है। माना जाता है कि यह स्थान सम्भवत: शिलावहा नदी के पूर्वी तट पर स्थित था। वाल्मीकि रामायण में इसका वर्णन निम्न प्रकार से है-
*जो संभवत: शिलावहा नदी के पूर्वी तट पर रहा होगा।
 
  
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
+
<poem>'एलधाने नदीं तीर्त्वा प्राप्य चापरपर्वतान्, शिलामाकुर्वन्तीं तीर्त्वा आग्नेय शल्यकर्षणम्'।</poem>
 +
 
 +
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
 
 
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
+
{{पौराणिक स्थान}}
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
+
[[Category:पौराणिक स्थान]]
 +
[[Category:पौराणिक कोश]]
 +
[[Category:रामायण]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

10:39, 13 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

आग्नेय नामक स्थान का वर्णन वाल्मीकि रामायण[1] में आया है। माना जाता है कि यह स्थान सम्भवत: शिलावहा नदी के पूर्वी तट पर स्थित था। वाल्मीकि रामायण में इसका वर्णन निम्न प्रकार से है-

'एलधाने नदीं तीर्त्वा प्राप्य चापरपर्वतान्, शिलामाकुर्वन्तीं तीर्त्वा आग्नेय शल्यकर्षणम्'।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वाल्मीकि रामायण, 2,71,3

संबंधित लेख