माखन

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माखन एक दुग्ध-उत्पाद है, जिसे ताजा दही, खमीरीकृत क्रीम या दूध को मथ कर बनाया जाता है। माखन और मिश्री भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय माना जाता है। हिन्दी में इसे 'दधिज' या 'माखन' भी कहा जाता है।

संघटक तथा प्रयोग

माखन के मुख्य संघटक वसा, पानी और दूध प्रोटीन होते हैं। इसे आमतौर पर रोटी, डबलरोटी, परांठों आदि पर लगा कर खाया जाता है, साथ ही इसे खाना पकाने के एक माध्यम के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग सॉस बनाने और तलने के लिए किया जाता है।

श्रीकृष्ण को प्रिय

जब भी भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र का ध्यान किया जाता है, तो उनका बाल रूप मन को आंनद और प्रेम से भर देता है। खासतौर पर बालगोपाल द्वारा माखन खाने का प्रसंग मन में वात्सल्य भाव पैदा करता है। इस चर्चा में माखन के साथ मिश्री का भी वर्णन आता है। वास्तव में बालकृष्ण के माखन के साथ मिश्री खाने के पीछे व्यावहारिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण ने पूरे जीवन हर रिश्ते के प्रति प्रेम और समर्पण से सभी का मन मोह लिया। इसी कारण वह मन को मोहने वाले मनमोहन नाम से भी प्रसिद्ध हुए।

माखन संग मिश्री

जहां तक मिश्री को माखन के साथ खाने की बात है, तो इसका अर्थ यह है कि माखन जीवन और व्यवहार में प्रेम को अपनाने का संदेश देता है। लेकिन माखन का स्वाद फीका भी होता है। उसके साथ मीठी मिश्री खाने का अर्थ है कि जीवन में प्रेम को अपनाएँ, लेकिन वह प्रेम फीका यानि दिखावे से भरा न हो, बल्कि वह प्रेम में भावना और समर्पण की मिठास से भरा हो। ऐसा होने पर ही जीवन के वास्तविक आनंद और सुख पाया जा सकता है। यही है माखन संग मिश्री के मीठे संयोग का अर्थ।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. माखन (हिंदी) जीवन मंत्र। अभिगमन तिथि: 1 मई, 2016।

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