"अष्टदिग्गज" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''अष्टदिग्गज''' विजयनगर साम्राज्य के राजा कृष्णदे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
#[[अल्ल सानि पेद्दन]]
 
#[[अल्ल सानि पेद्दन]]
 
#[[नन्दी तिम्मन]]
 
#[[नन्दी तिम्मन]]
#[[धूर्जटि]]
+
#[[धूर्जटि कवि|धूर्जटि]]
 
#[[मादय्यगरि मल्लन]]
 
#[[मादय्यगरि मल्लन]]
 
#[[अय्यलराजु रामभध्रुडु]]
 
#[[अय्यलराजु रामभध्रुडु]]
 
#[[पिंगलीसूरन्न]]
 
#[[पिंगलीसूरन्न]]
 
#[[रामराजभूषणुडु (भट्टूमुर्ति)]]
 
#[[रामराजभूषणुडु (भट्टूमुर्ति)]]
#[[तेनालि रामकृष्णा]]
+
#[[तेनाली रामकृष्णा]]
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
पंक्ति 16: पंक्ति 16:
 
<references/>
 
<references/>
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
{{मध्य काल}}
+
{{विजयनगर साम्राज्य}}{{मध्य काल}}
 
[[Category:विजयनगर साम्राज्य]][[Category:मध्य काल]][[Category:इतिहास कोश]]
 
[[Category:विजयनगर साम्राज्य]][[Category:मध्य काल]][[Category:इतिहास कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__

11:47, 11 अक्टूबर 2022 के समय का अवतरण

अष्टदिग्गज विजयनगर साम्राज्य के राजा कृष्णदेव राय के दरबार में विभूषित आठ कवियों के लिये प्रयुक्त शब्द है। कहा जाता है कि इस काल में तेलुगु साहित्य अपनी पराकाष्ठा तक पहुंच गया था।

  • कृष्णदेव के दरबार में उनके आठ कवि 'साहित्य सभा के आठ स्तम्भ' माने जाते थे। इस काल (1540 से 1600 ई.) को तेलुगु कविता के सन्दर्भ में 'प्रबन्ध काल' भी कहा जाता है।
  • अष्टदिग्गजों में शामिल कवियों के नाम निम्न प्रकार हैं-
  1. अल्ल सानि पेद्दन
  2. नन्दी तिम्मन
  3. धूर्जटि
  4. मादय्यगरि मल्लन
  5. अय्यलराजु रामभध्रुडु
  6. पिंगलीसूरन्न
  7. रामराजभूषणुडु (भट्टूमुर्ति)
  8. तेनाली रामकृष्णा


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख