दयाराम साहनी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:43, 9 मार्च 2020 का अवतरण (''''राय बहादुर दयाराम साहनी''' (अंग्रेज़ी: ''Rai Bahadur Dayaram Sahni'',...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

राय बहादुर दयाराम साहनी (अंग्रेज़ी: Rai Bahadur Dayaram Sahni, जन्म- 16 दिसम्बर, 1879; मृत्यु- 7 मार्च, 1939) भारत के प्रसिद्ध पुरातत्त्ववेत्ता थे। सन 1921-1922 में प्राचीन हड़प्पा नगर की खुदाई का कार्य उन्हीं के नेतृत्व में किया गया, जो सिंधु घाटी सभ्यता का प्रमुख स्थान है।

  • हड़प्पा के प्रकाश में आने के उपरांत यह मान लिया गया था कि संभवतः यह सभ्यता सिन्धु नदी के घाटी तक ही सीमित है। अतः इस सभ्यता का नाम सिन्धु घाटी की सभ्यता या सैंधव सभ्यता रखा गया।
  • जॉन मार्शल के सहायक के रूप में वर्ष 1931 में दयाराम साहनी प्रथम भारतीय बने, जिन्हें भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग का महानिदेशक नियुक्त किया गया। वह सन 1935 तक इस पद पर रहे।
  • लगभग एक वर्ष के बाद सन 1922 में राखालदास बनर्जी ने खुदाई के समय एक और स्थान का पता लगाया था।
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख