दीपक पारेख

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दीपक पारेख
दीपक पारेख
जन्म 18 अक्टूबर, 1944
जन्म भूमि मुंबई
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र उद्योगपति
शिक्षा चार्टर्ड अकाउंटेंट
पुरस्कार-उपाधि पद्म भूषण
प्रसिद्धि चेयरमैन, एच. डी. एफ. सी. (हाउसिंग डेवलपमेंट कारपोरेशन)
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी भारत के मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ती दरों पर ऋण प्रदान करके उनके घर के सपने को साकार करने में भी दीपक पारेख का बड़ा योगदान है।
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दीपक पारेख(अंग्रेजी: Deepak Parekh, जन्म: 18 अक्टूबर, 1944) एच. डी. एफ. सी. (हाउसिंग डेवलपमेंट कारपोरेशन) के चेयरमैन (अध्यक्ष) हैं। अपने अथक परिश्रम से उन्होंने एच. डी. एफ. सी. को एक सफल और बड़ी अन्तर्राष्टीय वित्तीय कंपनी बनाया। 11 जनवरी से 17 जुलाई 2009 तक उन्होंने सत्यम कम्प्यूटर्स में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में भी कार्य किया। वह कड़ी मेहनत, उत्साह और निरंतर सुधार में विश्वास रखते हैं। दीपक के अनुसार, “एक सफल और बड़ा उद्यमी तभी बना जा सकता जब आप नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों को साथ लेकर चलें। अनैतिक कार्यों से इंसान की साख गिरती है और एक बार आपकी साख गिर जाये तो उसे बदलना मुश्किल हो जाता है।”[1]

जीवन परिचय

दीपक पारेख का जन्म 18 अक्टूबर 1944 को भारत के मुंबई शहर में हुआ था। उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय के स्य्देंहम कॉलेज से बी. कॉम. की परीक्षा उत्तीर्ण की और तत्पश्चात इंग्लैंड और वेल्स से चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा पास करके वे चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गए।[1]

कॅरियर

दीपक ने अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के तौर पर अर्न्स्ट एंड यंग मैनेजमेंट कंसल्टेंसी सर्विसेज में अमेरिका के न्यू यॉर्क शहर से किया। भारत लौटने के बाद उन्होंने ग्रिंडलेज और चेस मेनहट्टन बैंक में बतौर सहायक प्रतिनिधि (दक्षिण एशिया) कार्य किया। सन 1978 में वह एच. डी. एफ. सी. में शामिल हो गए और 1985 में प्रबंध निदेशक के पद पर पदोन्नत हुए। उनके अथक परिश्रम को देखते हुए कंपनी ने सन 1993 में उन्हें चेयरमैन (अध्यक्ष) बना दिया। इसके अलावा, सन 1997 में उन्हें ऑय. डी. ऍफ़. सी. (इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कंपनी लिमिटेड) का नॉन-एग्जीक्यूटिव (गैर-कार्यकारी) अध्यक्ष भी बना दिया गया। उन्होंने ग्लैक्सो इंडिया लिमिटेड के नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर सन 2008 तक कार्य किया और कैस्ट्रॉल इंडिया के बोर्ड पर भी रहे। इसके अलावा, दीपक भारत के अन्य कई मशहूर कंपनियों जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा और इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड के बोर्ड पर भी हैं।[1]

दीपक, कॉर्पोरेट जगत के अलावा, भारत सरकार द्वारा गठित की गयी कई समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं। सन 1964 में एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया जिसका उद्देश्य ‘यूनिट स्कीम’ को विकसित करने की दिशा में सुझाव देना था। दीपक को इस समिति का चेयरमैन बनाया गया। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रतिभूति बाजार विनियमन पर एक एडवाइजरी ग्रुप का गठन किया गया जिसका चेयरमैन दीपक पारेख को बनाया गया। उन्होंने नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन के पद पर भी कार्य किया। वह डब्लू एन एस ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड, एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड और लाफार्ज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों में भी डायरेक्टर रह चुके हैं। वह एक्साइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड में ‘अल्टरनेट डायरेक्टर’ और इंडो-जर्मन चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स के डायरेक्टर भी हैं। दीपक ने सिंगापुर टेलीकम्युनिकेशंस लिमिटेड में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर भी कार्य किया है।[1]

सम्मान और पुरस्कार

वित्त और आर्थिक जगत में उनके योगदान को देखते हुए दीपक को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है:

  • बिज़नेस इंडिया ने उन्हें “बिजनेसमैन ऑफ़ द ईयर 1996 ‘ से सम्मानित किया।
  • ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) ने उन्हें ‘जे आर डी टाटा कॉर्पोरेट लीडरशिप’ पुरस्कार से सम्मानित किया |
  • एकोमोनिक टाइम्स द्वारा प्रदत प्रतिष्ठित “कॉर्पोरेट अवार्ड फॉर लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार पाने वाले दीपक सबसे काम उम्र के व्यक्ति हैं।
  • सन 2006 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया |
  • वे सन 2009 में अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत के प्रधानमंत्री के सम्मान में दिए गए रात्रि भोज में शामिल हुए गणमान्य व्यक्तियों में से एक थे|
  • इसके अलावा उन्हें CNBC-TV18 द्वारा उत्कृष्ट बिजनेस लीडर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
  • कई वर्षों से वित्त और लेखा पेशे में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए इंग्लैंड और वेल्स के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान ने 2010 में सम्मानित किया।
  • दीपक को सुनील गावस्कर (जिन्हे IPL-7 का अंतरिम चेयरमैन बनाया गया था) का सलाहकार बांया गया।

योगदान

दीपक पारेख ने भारत के वित्तीय क्षेत्र के विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने फ्रांसीसी कंपनियों को स्थापित करने में भी अपना योगदान दिया है। फ्रांस की सरकार के अनुसार, श्री पारेख के अथक प्रयासों से भारत और फ्रांस के आर्थिक संबंधों में सुधार हुआ है। भारत के मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ती दरों पर ऋण प्रदान करके उनके घर के सपने को साकार करने में भी दीपक पारेख का बड़ा योगदान है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 आदि गोदरेज (हिन्दी) itshindi.com। अभिगमन तिथि: 15 अक्टूबर, 2017।

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