बिपिन चन्द्र

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बिपिन चन्द्र (अंग्रेज़ी: Bipan Chandra, जन्म: 27 मई, 1928 – मृत्यु: 30 अगस्त, 2014) प्रख्यात इतिहासकार एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के पूर्व अध्यक्ष थे। प्रोफेसर बिपिन चन्द्र भारत के स्वतंत्रता संघर्ष और आधुनिक इतिहास लेखन परंपरा में मार्क्सवादी चिंतन धारा के इतिहासकार थे।

जीवन परिचय

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में 27 मई, 1928 को जन्मे प्रो. विपिन चंद्र जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग में अध्यक्ष रह चुके थे और उनकी गिनती देश के चोटी के इतिहासकारों में होती थी। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से सेवानिवृत होने के बाद वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष भी बनाये गये थे और 2012 तक इस पद पर रहे। वह इन दिनों शहीदे आजम भगत सिंह पर जीवनी लिख रहे थे। प्रो. बिपिन चंद्र ने लाहौर और दिल्ली में भी पढाई पूरी की थी। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कालेज में इतिहास के शिक्षक रह चुके थे। वह 1985 में भारतीय इतिहास कांग्रेस के अध्यक्ष भी बनाए गए थे। इसके अलावा वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सदस्य भी थे। उन्होंने इतिहास पर करीब 20 पुस्तकें लिखी है। जिनमें आधुनिक भारत का इतिहास, आधुनिक भारत और आर्थिक राष्ट्रवाद, सांप्रदायिकता, भारतीय वामपंथ पर उनकी किताबे चर्चित थी। उन्होंने जयप्रकाश नारायण और आपातकाल पर भी किताबें लिखी थीं।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. प्रसिद्ध इतिहासकार विपिन चंद्र का निधन (हिंदी) पंजाब केसरी। अभिगमन तिथि: 31 अगस्त, 2014।

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