एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

जनजातीय इन्द्रवासी नृत्य

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:15, 5 जून 2021 का अवतरण (''''जनजातीय इन्द्रवासी नृत्य'''<br /> <br /> धरकार एक ऐसी जनजा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

जनजातीय इन्द्रवासी नृत्य

धरकार एक ऐसी जनजाति है जो मुख्य रूप से वाद्य यंत्र बनाकर अथवा डलिया, सूप बनाकर अपनी जीविका चलाती है।

  • जब यह जाति वाद्य यंत्र बनाती ही है तो नाचना गाना भी होता ही है।
  • पूर्वांचल के सोनभद्र सहित अन्य जनपदों में बांस के वनों के समीप निवास करने वाली यह जनजाति निशान (सिंहा), डफला, शहनाई, बांसुरी, ढोल, मादल बनाकर और बजाकर, झूम कर जाने कब से नाचती-गाती आ रही हैं।
  • विवाह, गवना, मेले-ठेलों में या फिर बाजारों में भी होली, दीपावली, दशहरा, करमा आदि पर्वों पर ये लोग इन्द्रवासी नृत्य करके सबको मुग्ध कर देते हैं।

इन्हें भी देखें: उत्तर प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश की संस्कृति


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख