वृहत्संहिता

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:02, 21 मार्च 2018 का अवतरण (''''वृहत्संहिता''' भारत के महान खगोलशास्त्री एवं ज्य...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

वृहत्संहिता भारत के महान खगोलशास्त्री एवं ज्योतिषाचार्य वराहमिहिर द्वारा रचित एक ग्रंथ है। वराहमिहिर द्वारा छठी शताब्दी संस्कृत में रचित एक विश्वकोश है जिसमें मानव रुचि के विविध विषयों पर लिखा गया है।

विशेषता

  • इसमें खगोलशास्त्र, ग्रहों की गति, ग्रहण, वर्षा, बादल, वास्तुशास्त्र, फसलों की वृद्धि, इत्रनिर्माण, लग्न, पारिवारिक संबन्ध, रत्न, मोती एवं कर्मकांडों का वर्णन है।
  • वृहत्संहिता में 106 अध्याय हैं। यह अपने महान संकलन के लिये प्रसिद्ध है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख