सामाजिक आर्थिक श्रेत्र में रचनात्मक सेवाओं का एक संस्थान -डॉ एस एस अग्निहोत्री

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सामाजिक आर्थिक श्रेत्र में रचनात्मक सेवाओं का एक संस्थान -डॉ एस एस अग्निहोत्री
रमेश भाई से जुडे आलेख
संपादक अशोक कुमार शुक्ला
प्रकाशक भारतकोश पर संकलित
देश भारत
पृष्ठ: 80
भाषा हिन्दी
विषय रमेश भाई से जुडे आलेख

सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में रचनात्मक सेवाओं का एक संस्थान

आलेख: डा0 एस0एस0 अग्निहोत्री
रीडर, अर्थशास्त्र विभाग
सी0एस0एन0 पी0जी0 कालेज, हरदोई

स्वतन्त्रा प्राप्ति के पश्चात् भारत वर्ष में गॉधी-विनोवा जैसे महापुरुषों के विचारों से अनुप्राणित होकर प्रारम्भ के दो तीन दशकों के अन्तर्गत देश की जनता की समस्याओं के समाधान में अपना योगदान देने के लिए गैर सरकारी संगठन प्रारम्भ किये गये। इसी कडी में उत्तर प्रदेश के पिछडे जनपद हरदोई के ग्राम थमरवा के कायस्थ परिवार में जन्मे स्व0 श्री रमेश भाई द्वारा एक संकल्पना अपने सहयोगियों के साथ की गई जो 1983 में सर्वोदय आश्रम सिकन्दरपुर, टडियावॉ, हरदोई के रूप में साकार हुई। प्रारम्भ में इसे चलाने, विकसित करने में कठिनाइयॉ आयीं, परन्तु समान विचार वाले परिवारी जनों, मित्रों व बाह्य लोगों का सहयोग लिया गया जो बाद में भी सर्वोदय आश्रम के संचालन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका में देखे जा रहे हैं।

सर्वोदय आश्रम गॉधी विनोवा के विचारों से प्रेरित मानव मूल्यों पर आधारित गैर व्यवसायिक, आर्थिक सामाजिक उत्थान एवं परिवर्तन हेतु एक गैर सरकारी संगठन है जो नितान्त ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित होते हुए भी शिक्षा, कृषि, पशुपालन, बागवानी, ऊसर भूमि सुधार , स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग करता आया है। इसके संचालक स्व0 श्री रमेश भाई ने अपने जीवन काल में प्रदेश सरकार के श्री नरायण दत्त तिवारी जैसे राजनेताओं तथा प्रशासनिक अधिकारियों जैसे श्री एस0एन0 झा आदि का सहयोग प्राप्त किया। साथ ही राष्टीय स्तर के संगठनों गॉधी शान्ति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली, गॉधी आश्रम वर्धा, विनोवा आश्रम वर्धा से नाता जोडा। सुश्री निर्मला देशपाण्डे जैसे लोगों का योगदान प्राप्त किया। वर्तमान में प्रधानमंत्री की बेटी डा0 दमन सिंह ने इस संस्थान में स्वयं उपस्थित होकर संक्षिप्त प्रवास से इसे लाभान्वित किया। प्रो0 योगेन्द्र कुमार, अलघ जैसे अर्थशास्त्री एवं राजनेताओं को इस संस्थान की प्रशंसा एवं चर्चा करते हुये सुना गया है। जन-जमीन-जंगल सम्बन्धी आन्दोलन के प्रणेता श्री वी0जी0 गोपालन को इस संस्थान की भूमिका के कारण हरदोई जनपद में आना पडा।

सर्वोदय आश्रम ने धर्म जाति व वर्ग भावना से उपर उठकर समाज के उपेक्षित, ग़रीब व साधनहीन लोगों के हित में कार्य किये हैं। प्रारम्भ में प्रारम्भिक स्तर की व्यावहारिक शिक्षा हेतु निम्न जाति के बच्चों के कई सत्र संचालित किए। उनकी आवासीय, भोजन व्यवस्था आदि का प्रबन्ध किया। ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षा से वंचित लडकियों के लिये आवास एवं भोजन व्यवस्था के साथ शिक्षा की व्यवस्था कम वर्षाे मंे पूर्ण करके उडान कार्यक्रम को राष्टीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कराई। जनपद हरदोई में ऊसर भूमि एक समस्या है, उससे प्रभावित होकर उसर भूमि सुधार कार्यक्रम को चलाया ही नहीं बल्कि ऊसर भूमि सुधार सम्बन्धी कार्यक्रम ने’ हरदोई माडल’ के रूप में विदेशों तक में अपनी पहचान बनाई। अश्व सुधार के लिये अनेक कार्यक्रम आयोजित किए। ग्रामीण क्षेत्र के लिये उपयुक्त टेकनालॉजी के क्षेत्र में कार्य किये। सौर उर्जा एवं पवन उर्जा का प्रयोग करके उन्हें लोगों को प्रदर्शित किया।

इस संस्थान ने अपने कार्यक्रमों में आसपास की क्षेत्रीय जनता की सहभागिता को सदैव महत्व दिया। इसके लिये थमरवा में एक इण्टर कालेज एवं संस्थान के परिसर में ही एक हाई स्कूल का सफल संचालन किया जा रहा है।

वर्तमान में यह आश्रम जनपद में गोष्ठियों, सेमिनार, कार्यशालाओं के आयोजन हेतु सदैव सभी व्यावहारिक सुविधाओं के लिये उपयुक्त परिसर है। संस्थान से सम्बन्धित व्यवस्थापक टीम की समर्पित कार्यशैली से सभी प्रभावित है, यहॉ तक कि ज़िला प्रशासन भी सामयिक जन-हित के कार्यक्रमों की जिम्मेदारी इस संस्थान को सौपता देखा गया है। जनपद ही नहीं बल्कि अन्य जनपदो यहॉ तक कि राष्ट्रीय स्तर पर स्व0 श्री रमेश भाई को जिम्मेदारी निभाते हुये देखा गया। उनके बाद लगभग वही स्थान पाने में श्रीमती उर्मिला श्रीवास्तव एवं सुश्री कुसुम जौहरी की जोडी सफलता की ओर अग्रसर है। स्थानीय स्तर पर वयोवद्ध अनुभवी श्री शारदा प्रकाश जौहरी जी का संरक्षण व निर्देशन सुलभ है वही स्वर्गीय श्री रमेश भाई के परिवारी जन तथा भाई सुरेश व बेटा अनुराग का समर्पण एवं आश्रम में हर स्तर के सभी वर्ग का सहयोग सराहनीय है। विजय भाई जैसे मित्रों का हर स्तर पर सहयोग सुलभ है।

वर्तमान समय में आपाधापी के माहोैल में ऐसे संगठन अपने संसाधनों का सदुपयोग करके, अनियमित व्यवस्था से भी तालमेल स्थापित करके साथ ही अपनी रीति नीति की पवित्रता की रक्षा करते हुये सफलता पूर्वक अपने अभिनव प्रयोगों व कार्यक्रमों को सम्पन्न करते जा रहे है। अर्न्तराष्टीय श्रम दिवस पर ’श्रवेम जयते’ की संकल्पना के साथ स्व0 श्री रमेश भाई के जन्म दिन 62वें के अवसर पर सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में यह आश्रम अपनी रचनात्मक भूमिका निभाता रहे ऐसी मेरी शुभ कामना है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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