जी. डी. बिड़ला विज्ञान पुरस्कार
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घनश्याम दास बिड़ला विज्ञान पुरस्कार (अंग्रेज़ी: Ghanshyam Das Birla Science Award) के. के. बिड़ला फाउन्डेशन द्वारा भारतीय वैज्ञानिकों को उच्च स्तरीय शोध कार्यों के लिये प्रोत्साहित करने हेतु प्रदान किया जाता है।
- सन 1991 में इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी।
- इसमें पाँच लाख पचास हजार रुपये की धनराशि तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
- यह पुरस्कार हर वर्ष भारत में काम कर रहे 50 वर्ष या उससे कम आयु के भारतीय वैज्ञानिकों के उल्लेखनीय वैज्ञानिक कार्य को मान्यता देने के उद्देश्य से दिया जाता है।
- देश में वैज्ञानिकों को सम्मानित करने वाली कई योजनाएं हैं, पर आयु संबंधी इस विशेष व्यवस्था को वैज्ञानिकों ने बहुत सराहा है और इसलिए यह एक विशिष्ट पुरस्कार बन गया है।
वर्ष | प्राप्तकर्ता का नाम |
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2020 | प्रो. सुमन चक्रवर्ती |
2019 | प्रोफ़ेसर रूप मलिक |
2018 | राजीव कुमार वार्ष्णेय |
2017 | डॉ. राजन शंकरनारायण |
2016 | प्रो. उमेश वासुदेव वाघमारे |
2015 | संजय मित्तल |
2014 | संजीव गलांडे |
2013 | राजेश गोपकुमार |
2012 | निबिर मंडल |
2011 | तपस कुमार कुंडु |
2010 | सुभाषिस चौधरी |
2009 | मनीन्द्र अग्रवाल |
2008 | राघवन वरदराजन |
2007 | शान्तनु भट्टाचार्य |
2006 | श्रीराम रामास्वामी |
2005 | दीपांकर दास शर्मा |
2004 | अरुण एम. जयन्नमर |
2003 | थानु पद्मनाभन |
2002 | पी. पी. मजुमदार |
2001 | सैयद ई. हसनैन |
2000 | अजय के. सूद |
1999 | शंकर के. पाल |
1998 | पुरस्कार नहीं |
1997 | बिमन बागची |
1996 | अशोक सेन |
1995 | गिरिश एस. अग्रवाल |
1994 | पद्मनाभन बलराम |
1993 | आर. ए. माशेलकर |
1992 | गोवर्धन मेहता |
1991 | असिस दत्ता |
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