शेखर कपूर
शेखर कपूर
| |
पूरा नाम | शेखर कपूर |
जन्म | 6 दिसंबर, 1945 |
जन्म भूमि | पंजाब, पाकिस्तान |
अभिभावक | पिता- कुलभूषण कपूर, माता- शीलाकांता कपूर |
पति/पत्नी | सुचित्रा कृष्णमूर्ति |
संतान | कावेरी कपूर |
कर्म भूमि | मुम्बई |
कर्म-क्षेत्र | फ़िल्म निर्देशक |
मुख्य फ़िल्में | 'एलिज़ाबेथ', 'एलिज़ाबेथ: द गोल्डन ऐज',' बैंडिट क्वीन', 'मिस्टर इण्डिया', 'पानी' आदि। |
शिक्षा | दिल्ली यूनिवर्सिटी |
पुरस्कार-उपाधि | 'फ़िल्मफेयर पुरस्कार'। |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | वर्ष 1997 में शेखर कपूर ने दस्यु सुंदरी फुलन देवी पर आधारित 'बैंडिट क्वीन' का निर्देशन किया। इस फ़िल्म में बैंडिट क्वीन की भूमिका सीमा विश्वास ने रूपहले पर साकार की। |
अद्यतन | 17:58, 7 दिसम्बर 2017 (IST)
|
शेखर कपूर (अंग्रेजी: Shekhar Kapoor, जन्म: 6 दिसंबर, 1945, लाहौर) का नाम एक ऐसे फ़िल्म निर्देशक के रूप में शुमार किया जाता है, जिन्होंने न सिर्फ बॉलीवुड में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी खास पहचान बनायी है।
जीवन परिचय
शेखर कपूर का जन्म 6 दिसंबर, 1945 को लाहौर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनके पिता का नाम कुलभूषण कपूर था, जोकि ब्रिटिश काल में डॉक्टर के पद पर कार्यरत थे। उनकी माँ का नाम शीलाकांता कपूर था। शेखर कपूर भारतीय हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता देवानंद के भांजे हैं। उनकी तीन बहनें हैं- नीलू, अरुणा और सोहना कपूर।
शिक्षा
शेखर कपूर ने अपनी शुरुआती पढाई मॉडर्न स्कूल नई दिल्ली से पूरी की। उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टेफन कॉलेज से पूरी की थी। हिंदी सिनेमा में आने से पहले उन्होंने बतौर चार्टेड अकाउंटेंट लन्दन में काम किया।
विवाह
शेखर कपूर की पहला विवाह मेधा जलोटा से हुआ था, लेकिन किन्हीं कारणों से दोनों के बीच अलगाव हो गया। मेधा की मौत न्यू जर्सी में हुई। उनकी दूसरा विवाह सुचित्रा कृष्णमूर्ति से सम्पन्न हुआ। उनकी एक बेटी भी है- कावेरी कपूर।
कॅरियर
शेखर कपूर ने हिंदी सिनेमा में अपने कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1975 में फ़िल्म 'जान हाज़िर हो' से की थी। उसके बाद उन्होंने फ़िल्म 'टूटे खिलौना' निर्देशित की। उन्हें हिंदी सिनेमा में पहचान फैमिली ड्रामा फ़िल्म 'मासूम' से मिली थी। इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका में नसीरुद्दीन शाह और शबाना आजमी और जुगल हंसराज मुख्य भूमिका में नजर आये थे। उस दौर में यह फ़िल्म दर्शकों और आलोचकों द्वारा बेहद पसंद की गयी थी। उसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा में साइंस-फिक्शन फ़िल्म 'मिस्टर इंडिया' निर्देशित की। इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका में अनिल कपूर-श्रीदेवी और अमरीश पुरी नजर आये थे। इस फ़िल्म में अमरीश पुरी ने खलनायक 'मोगैम्बो' की भूमिका अदा की थी, जिसके बाद वह दर्शकों के बीच इसी नाम से प्रसिद्ध हो गये। इस फ़िल्म का सबसे प्रसिद्ध डॉयलौग 'मोगैम्बो खुश हुआ' आज भी दर्शको को पसंद है।
वर्ष 1989 में शेखर कपूर ने 'जोशीले' और 'दुश्मनी' जैसी फ़िल्मों का सह-निर्देशन किया। वर्ष 1992 में शेखर कपूर विज्ञान पर आधारित फंतासी फ़िल्म 'टाइम मशीन' का निर्देशन करने वाले थे। इस फ़िल्म के लिए शेखर कपूर ने आमिर ख़ान, रवीना टंडन, नसीरुद्दीन शाह और रेखा का चयन किया गया था, लेकिन फ़िल्म नहीं बन सकी। वर्ष 1997 में शेखर कपूर ने दस्यु सुंदरी फुलन देवी पर आधारित 'बैंडिट क्वीन' का निर्देशन किया। इस फ़िल्म में बैंडिट क्वीन की भूमिका सीमा विश्वास ने रूपहले पर साकार की। 'बैंडिट क्वीन' के जरिये शेखर कपूर ने न सिर्फ भारत में बल्कि अंतर्राट्रीय स्तर पर भी अपनी खास पहचान बनायी। इस फ़िल्म के लिए शेखर कपूर को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फ़िल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया।
शेखर कपूर अब यशराज के बैनर तले 'पानी' का निर्देशन शुरू करने वाले हैं। इस फ़िल्म के लिए सुशांत सिंह राजपूत का चयन किया गया है। बताया जाता है कि फ़िल्म 'पानी' में दिखाया जाएगा कि पानी के बिना दुनिया में कैसी तबाही मचेगी। यह फ़िल्म भविष्य की दुनिया पर आधारित होगी। जहां पानी पर अंतर्राष्ट्रीय निगमों का कब्ज़ा हो गया है। इस फ़िल्म का संगीत ए. आर. रहमान तैयार करेंगे। फ़िल्म की शूटिंग अगले वर्ष शुरू की जाएगी।
हॉलीवुड कॅरियर
'बैंडिट क्वीन' के बाद शेखर कपूर को हॉलीवुड फ़िल्म 'ऐलिजाबेथ' का निर्देशन का अवसर मिला। यह फ़िल्म ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित की गयी। वर्ष 2007 में इस फ़िल्म के सीक्वल 'एलिजाबेथ द गोल्डन एज' का भी शेखर कपूर ने निर्देशन किया। इन सबके बीच शेखर कपूर ने हॉलीवुड फ़िल्म 'द फोर फीदर्स', 'न्यूयॉर्क आइ लव यू' और 'पैसेज' का निर्देशन भी किया।
टीवी कॅरियर
वर्ष 2013 में शेखर कपूर न्यूज़ चैनल एबीपी पर 'शो प्रधानमंत्री' भी होस्ट कर चुके हैं। इस शो में उन्होंने दर्शकों को उन अनसुने पहलुओं से रूबरू कराया, जिसे दर्शक जानते तक नहीं थे। इसके अलावा वह कलर्स के शो इंडियाज गोट टैलेंट में बतौर जज नजर आ चुके हैं।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख