"क्यों, आखिर क्यों? -कन्हैयालाल नंदन" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 71: पंक्ति 71:
 
{{समकालीन कवि}}
 
{{समकालीन कवि}}
 
[[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]]
 
[[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]]
[[Category:कन्हैयालाल नंदन]][[Category:इतिहास कोश]]
+
[[Category:कन्हैयालाल नंदन]][[Category:साहित्य कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__
 
__NOEDITSECTION__
 
__NOEDITSECTION__

11:03, 8 नवम्बर 2011 का अवतरण

क्यों, आखिर क्यों? -कन्हैयालाल नंदन
कन्हैयालाल नंदन
कवि कन्हैयालाल नंदन
जन्म 1 जुलाई, 1933
जन्म स्थान फतेहपुर ज़िले के परसदेपुर गांव, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 25 सितंबर, 2010
मृत्यु स्थान दिल्ली
मुख्य रचनाएँ लुकुआ का शाहनामा, घाट-घाट का पानी, आग के रंग आदि।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
कन्हैयालाल नंदन की रचनाएँ

हो गई क्या हमसे
कोई भूल?
बहके-बहके लगने लगे फूल!

अपनी समझ में तो
कुछ नहीं किया,
अधरों पर उठ रही शिकायतें
सिया,
फूँक-फूँक कदम रखे,
चले साथ-साथ,
मगर
तन पर क्यों उग रहे बबूल?

नज़रों में पनप गई
शंका की बेल,
हाथों में
थमी कोई अजनबी नकेल!
आस्था का अटल सेतुबंध
लड़खड़ाता है
हिलती है एक-एक चूल!

रफू ग़लतफ़हमियाँ
जीते हैं दिन!
रातों को चूभते हैं
यादों के पिन
पतझर में भोर हुई
शाम हुई पतझर में
कब होगी मधुऋतु
अनुकूल
तन पर...



संबंधित लेख