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[[पोलो]] ([[अंग्रेज़ी]]: Polo) एक टीम खेल है जिसे [[घोड़ा|घोडों]] पर बैठ कर खेला जाता है इसका उद्देश्य प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध गोल करना होता है। इसे ब्रिटिश काल के दौरान काफ़ी ख्याती मिली। इसमें खिलाड़ी एक प्लास्टिक या लकडी की गेंद को बड़े [[हॉकी]] जैसे डंडों से मार कर सामने वाली टीम के गोल में डालने की कोशिश करते हैं। परम्परागत तरीक़े में यह खेल बडी रफ़्तार से एक बड़े खुले मैदान में खेला जाता है। हर टीम में चार खिलाड़ी होते हैं।  
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[[पोलो]] ([[अंग्रेज़ी]]: Polo) एक टीम खेल है जिसे [[घोड़ा|घोड़ों]] पर बैठ कर खेला जाता है। इसका उद्देश्य प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध गोल करना होता है। इसे ब्रिटिश काल के दौरान काफ़ी ख्याति मिली। इसमें खिलाड़ी एक प्लास्टिक या लकड़ी की गेंद को बड़े [[हॉकी]] जैसे डंडों से मारकर सामने वाली टीम के गोल में डालने की कोशिश करते हैं। परम्परागत तरीक़े में यह खेल बडी रफ़्तार से एक बड़े खुले मैदान में खेला जाता है। हर टीम में चार खिलाड़ी होते हैं।  
 
==लीग शुरुआत==
 
==लीग शुरुआत==
[[आईपीएल]] समेत [[कबड्डी|प्रो कबड्डी लीग]] और [[कुश्ती|कुश्ती लीग]] की तर्ज पर देश की पहली पोलो लीग की शुरुआत हुई। इसका आगाज जयपुर से हुआ था। मार्च के पहले सप्ताह से शुरू होने वाली इस लीग की खास बात यह रही कि ट्रैडिशनल पोलो के विपरीत यह रात में खेला गया। जिसमें देश-विदेश के पोलो खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। लीग के संस्थापक चिराग पारीक ने शनिवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बाकी लीग की तरह पोलो लीग में भी खिलाड़ियों की नीलामी हुई थी। पोलो लीग के सभी मैच फ्लडलाइट्स में खेले गए। रात में गेंद पर खिलाड़ियों का फोकस रहे, इसीलिए सफेद की जगह रंगीन गेंद का प्रयोग किया गया।<ref name="a">{{cite web |url=http://hi.naradanews.com/2016/12/ipl-style-polo-leagues-players-auction-in-january-2017/|title=IPL की तर्ज पोलो लीग, जनवरी में होगी खिलाड़ियों की निलामी |accessmonthday=25 जनवरी |accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hi.naradanews.com |language= हिंदी}}</ref>
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लीग के उद्घाटन सत्र में छह टीमें होंगी। इसके बाद चार साल में इसमें 10 टीम होंगी। हर टीम में चार-चार खिलाड़ी होंगे, जिसमें देश के खिलाडि़यों के साथ-साथ विदेशी खिलाड़ी और एक युवा खिलाड़ी होगा। ज्ञात हो कि पोलो को रॉयल खेल माना जाता है और आम दर्शक तक यह खेल अपनी पहुंच नहीं बना पाया। इसको लेकर लीग में मनोरंजन पर भी ध्यान दिया जाएगा। जिसमें संगीत जैसे कई कार्यक्रम हो सके। आयोजकों का मानना है कि मैच में दर्शक पिकनिक मनाने के इरादे से आए और परिवार से साथ मैच देखते हुए वीकेंड का मजा लें सकेंगे।<ref name="a"/>
 
 
==भारत के पोलो क्लब==
 
==भारत के पोलो क्लब==
 
अब पोलो खेलना, पहले के मुकाबले बहुत ही आसान हो गया है। [[दिल्ली]], [[मुम्बई]], [[कोलकाता]], [[चेन्नई]] में ऐसे क्लबों की कोई कमी नहीं, जहां इस खेल में पारंगत हुआ जा सके। [[हैदराबाद]], [[जयपुर]], [[जोधपुर]] व [[उदयपुर]] में भी पोलो खेलना व सीखना बेहद आसान हुआ है। बहुत-से क्लबों में तो क्रैश कोर्स भी चलाए जाते हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/article/article1-Hourse-Polo-175188.html|title=पोलो, खेल से कुछ ज्यादा |accessmonthday=25 जनवरी |accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.livehindustan.com |language= हिंदी}}</ref>
 
अब पोलो खेलना, पहले के मुकाबले बहुत ही आसान हो गया है। [[दिल्ली]], [[मुम्बई]], [[कोलकाता]], [[चेन्नई]] में ऐसे क्लबों की कोई कमी नहीं, जहां इस खेल में पारंगत हुआ जा सके। [[हैदराबाद]], [[जयपुर]], [[जोधपुर]] व [[उदयपुर]] में भी पोलो खेलना व सीखना बेहद आसान हुआ है। बहुत-से क्लबों में तो क्रैश कोर्स भी चलाए जाते हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/article/article1-Hourse-Polo-175188.html|title=पोलो, खेल से कुछ ज्यादा |accessmonthday=25 जनवरी |accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.livehindustan.com |language= हिंदी}}</ref>
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#फोर्ट विलियम पोलो क्लब, कोलकाता
 
#फोर्ट विलियम पोलो क्लब, कोलकाता
 
==रेड कार्ड==
 
==रेड कार्ड==
जब किन्हीं खिलाड़ियों के बीच मैच के दौरान लड़ाई जैसा माहौल होता है तो उसके लिए पोलो में [[फ़ुटबॉल]] के खेल की तरह रेड कार्ड का नियम नहीं होता बल्कि यहाँ सारा दारोमदार रेफ्री की समझाइश (समझाने) पर चलता है और खिलाड़ियों को रेफ्री की बात माननी पड़ती है। मैच के दौरान तकरार बढ़ने पर एक खिलाड़ी के बाहर जाने के बाद रेफ्री दूसरे को भी बाहर कर देता है।<ref>{{cite web |url=http://www.bhaskar.com/news/c-20-see-how-polo-players-fight-with-there-stick-in-air-jd0317-NOR.html|title=देखिए पोलो मैच में एक-दूसरे पर स्टिक तान ऐसे भिड़े खिलाड़ी |accessmonthday=25 जनवरी |accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.bhaskar.com |language= हिंदी}}</ref>
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जब खिलाड़ियों के बीच मैच के दौरान लड़ाई जैसा माहौल होता है तो उसके लिए पोलो में [[फ़ुटबॉल]] के खेल की तरह रेड कार्ड का नियम नहीं होता बल्कि यहाँ सारा दारोमदार रेफ्री की समझाइश (समझाने) पर चलता है और खिलाड़ियों को रेफ्री की बात माननी पड़ती है। मैच के दौरान तकरार बढ़ने पर एक खिलाड़ी के बाहर जाने के बाद रेफ्री दूसरे को भी बाहर कर देता है।<ref>{{cite web |url=http://www.bhaskar.com/news/c-20-see-how-polo-players-fight-with-there-stick-in-air-jd0317-NOR.html|title=देखिए पोलो मैच में एक-दूसरे पर स्टिक तान ऐसे भिड़े खिलाड़ी |accessmonthday=25 जनवरी |accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.bhaskar.com |language= हिंदी}}</ref>
  
 
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13:07, 25 जनवरी 2017 का अवतरण

पोलो (अंग्रेज़ी: Polo) एक टीम खेल है जिसे घोड़ों पर बैठ कर खेला जाता है। इसका उद्देश्य प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध गोल करना होता है। इसे ब्रिटिश काल के दौरान काफ़ी ख्याति मिली। इसमें खिलाड़ी एक प्लास्टिक या लकड़ी की गेंद को बड़े हॉकी जैसे डंडों से मारकर सामने वाली टीम के गोल में डालने की कोशिश करते हैं। परम्परागत तरीक़े में यह खेल बडी रफ़्तार से एक बड़े खुले मैदान में खेला जाता है। हर टीम में चार खिलाड़ी होते हैं।

लीग शुरुआत

आईपीएल समेत प्रो कबड्डी लीग और कुश्ती लीग की तर्ज पर देश की पहली पोलो लीग की शुरुआत हुई। इसका आगाज जयपुर से हुआ था। मार्च के पहले सप्ताह से शुरू होने वाली इस लीग की खास बात यह रही कि ट्रैडिशनल पोलो के विपरीत यह रात में खेला गया। जिसमें देश-विदेश के पोलो खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। लीग के संस्थापक चिराग पारीक ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा था कि बाकी लीग की तरह पोलो लीग में भी खिलाड़ियों की नीलामी हुई थी। पोलो लीग के सभी मैच फ्लडलाइट्स में खेले गए। रात में गेंद पर खिलाड़ियों का फोकस रहे, इसीलिए सफ़ेद की जगह रंगीन गेंद का प्रयोग किया गया।[1]

भारत के पोलो क्लब

अब पोलो खेलना, पहले के मुकाबले बहुत ही आसान हो गया है। दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई में ऐसे क्लबों की कोई कमी नहीं, जहां इस खेल में पारंगत हुआ जा सके। हैदराबाद, जयपुर, जोधपुरउदयपुर में भी पोलो खेलना व सीखना बेहद आसान हुआ है। बहुत-से क्लबों में तो क्रैश कोर्स भी चलाए जाते हैं।[2]

भारत में स्थित कुछ पोलो क्लब इस प्रकार हैं-

  1. 61 केव पालो क्लब, जयपुर
  2. एसीसी एंड एस पोलो क्लब, अहमदनगर
  3. अग्राम राइडिंग एंड पोलो क्लब, बेंगलुरु
  4. ऑल मणिपुर पोलो एसोशियशन, इंफाल
  5. अमेचर राइडर्स क्लब, मुम्बई
  6. आंध्र प्रदेश राइडिंग क्लब, हैदराबाद
  7. आर्मी पोलो एंड राइडिंग क्लब, दिल्ली कैंट
  8. आर्टीलेरी पोलो क्लब, नासिक
  9. एएससी पोलो क्लब, नयी दिल्ली
  10. बेंगलुरू अमेचर राइडर्स इंस्टीट्यूट, बेंगलुरू
  11. कलकत्ता पोलो क्लब, कोलकाता
  12. चिंकारा पोलो क्लब, जयपुर
  13. फोर्ट विलियम पोलो क्लब, कोलकाता

रेड कार्ड

जब खिलाड़ियों के बीच मैच के दौरान लड़ाई जैसा माहौल होता है तो उसके लिए पोलो में फ़ुटबॉल के खेल की तरह रेड कार्ड का नियम नहीं होता बल्कि यहाँ सारा दारोमदार रेफ्री की समझाइश (समझाने) पर चलता है और खिलाड़ियों को रेफ्री की बात माननी पड़ती है। मैच के दौरान तकरार बढ़ने पर एक खिलाड़ी के बाहर जाने के बाद रेफ्री दूसरे को भी बाहर कर देता है।[3]


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टीका-टिप्पणी और संदर्भ

  1. IPL की तर्ज पोलो लीग, जनवरी में होगी खिलाड़ियों की निलामी (हिंदी) hi.naradanews.com। अभिगमन तिथि: 25 जनवरी, 2017।
  2. पोलो, खेल से कुछ ज्यादा (हिंदी) www.livehindustan.com। अभिगमन तिथि: 25 जनवरी, 2017।
  3. देखिए पोलो मैच में एक-दूसरे पर स्टिक तान ऐसे भिड़े खिलाड़ी (हिंदी) www.bhaskar.com। अभिगमन तिथि: 25 जनवरी, 2017।

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