उपरिचर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:36, 28 नवम्बर 2012 का अवतरण (''''उपरिचर''' पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार एक [[चन्द्र...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

उपरिचर पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार एक चन्द्रवंशी राजा थे, जो च्यवन के पौत्र और कृती[1] के पुत्र थे। यह एक वसु थे।

  • उपरिचर चेदि प्रदेश के राजा थे। इनके पाँच पुत्र थे।
  • पहले उपरिचर मृगया प्रेमी थे, किंतु बाद में तप करने लगे। इन्द्र ने प्रसन्न होकर एक माला और लाठी इनको दी थी।
  • मछली रूपी अद्रिका नामक अप्सरा के गर्भ से उत्पन्न इनका 'मत्स्य' नामक एक पुत्र तथा 'सत्यवती' नामक पुत्री थी। यही सत्यवती वेदव्यास की माता बनी तथा हस्तिनापुर नरेश शांतनु से इनका विवाह हुआ था।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 59 |

  1. विष्णुपुराण के अनुसार 'कृतक'
  2. महाभारत, आदिपर्व 63.1-11

संबंधित लेख