भास्कर उपग्रह

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भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत भास्कर-1 और भास्कर-2 नामक उपग्रहों का निर्माण किया गया।

  • ये भारत के पहले निम्न भू-कक्षा प्रेक्षण उपग्रह थे।
  • दोनों उपग्रहों को रूस के लॉन्चिंग स्टेशन कपूस्टिन यार से छोड़ा गया।
  • इन्हें क्रमश: 7 जून 1979 और 20 नवंबर 1981 को छोड़ा गया था।
  • दोनों उपग्रहों ने समुद्र विज्ञान, जल विज्ञान आदि से जुड़े कई आंकड़े इकट्ठे किए।

भास्कर-1

  • भास्कर-1 भारत में निर्मित प्रथम प्रायोगिक सुदूर संवेदन उपग्रह है।
  • ऑनबोर्ड टीवी कैमरा ने प्रतिबिंब प्रेषित किया जिनका जलविज्ञान और वानिकी में पुन:प्रयोग किया गया।
  • एसएएमआईआर ने समृद्ध वैज्ञानिक आँकड़े प्रेषित किए जिनका उपयोग सामुद्रिक अध्‍ययनों में किया गया।
भास्कर-1
मिशन प्रायोगिक सुदूर संवेदन
भार 442 कि.ग्रा.
ऑनबोर्ड पॉवर 47 वॉट्स
संचार वीएचएफ़ बैंड
स्थिरीकरण प्रचक्रण स्थिरीकृत (प्रचक्रण अक्ष नियंत्रित)
नीतभार टीवी कैमरा, तीन बैंड माइक्रोवेव रेडियोमीटर (एसएएमआईआर)
प्रमोचन दिनांक 7 जून, 1979
प्रमोचन स्थल वोल्गोगार्ड प्रमोचन केन्द्र (संप्रति रूस में)
प्रमोचन यान सी-1 इंटर कॉसमॉस
कक्षा 519 x 541 कि.मी.
आनति 50.6°
मिशन कालावधि एक वर्ष (नामीय)
कक्षीय जीवन लगभग 10 वर्ष (1989 में पुनःप्रवेश)

भास्कर-2

  • भास्कर-2 उपग्रह, भास्कर-1 की तुलना में अधिक उन्नत नीतभार सक्षम था।
  • मिशन कालावधि में सफल प्रचालन।
  • दो ऑनबोर्ड कैमरा में से एक द्वारा समस्या का सामना करने के बावजूद, दो हज़ार से अधिक प्रतिबिंब प्रेषित किए गए, जिनका कई अध्ययनों में उपयोग किया गया।
भास्कर-2
मिशन प्रायोगिक सुदूर संवेदन
भार 444 कि.ग्रा.
ऑनबोर्ड पॉवर 47 वॉट्स
संचार वीएचएफ़ बैंड
स्थिरीकरण प्रचक्रण स्थिरीकृत (प्रचक्रण अक्ष नियंत्रित)
नीतभार टीवी कैमरा, तीन बैंड माइक्रोवेव रेडियोमीटर (एसएएमआईआर)
प्रमोचन दिनांक 20 नवंबर, 1981
प्रमोचन स्थल वोल्गोगार्ड प्रमोचन केन्द्र (संप्रति रूस में)
प्रमोचन यान सी-1 इंटर कॉसमॉस
कक्षा 541 x 557 कि.मी.
आनति 50.7°
मिशन कालावधि एक वर्ष (नामीय)
कक्षीय जीवन लगभग 10 वर्ष (1989 में पुनःप्रवेश)


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