बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

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बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, उमरिया

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान एक छोटा पार्क है जो सुगठित होने के साथ खेलों से भरा हुआ है। बाँधवगढ़ में बाघों की संख्‍या भारत में सबसे अधिक है। इस राष्ट्रीय उद्यान के महत्‍व और संभाव्‍यता को देखते हुए इसे 1993 में 'प्रोजेक्‍ट टाइगर नेटवर्क' में जोड़ा गया था। इस आरक्षित वन का नाम इसके मध्‍य में स्थित बांधवगढ़ पहाड़ी (807 मीटर) के नाम पर रखा गया है जो विन्ध्याचल पर्वत शृंखला और सतपुड़ा पर्वतश्रेणी के पूर्वी सिरे के बीच स्थित है और यह मध्य प्रदेश के शहडोल और जबलपुर ज़िलों में है।

यहां 22 से स्‍तनधारियों की प्रजातियां तथा 250 पक्षी प्रजातियां पाई जाती है। यहां सामान्‍य लंगूर और रिसस बंदर प्राइमेट समूह का प्रति‍निधित्‍व करते हैं। यहां पाए जाने वाले मांसभक्षियों में एशियाई भेडियां, बंगली लोमड़ी, स्‍लॉथ बीयर, रेटल, भूरे मंगूस, पट्टी दार हाइना, जंगली बिल्‍ली, चीते और बाघ, यहां पाए जाने वाले अन्‍य जंतु है जंगली सुअर, चित्तीदार हिरण, सांभर, चौसिंघा, नील गाय, चिंकारा और गौर। यहां पाए जाने वाले स्‍तनधारी है डोल, छोटी भारतीय सीवेट, पाम गिलहरी और छोटे बेंडीकूट चूहे कभी कभार देखे जा सकते हैं। शाकाहारियों में केवल गौर नामक जंतु पाया जाता है जो चारा खाता है।

नदियों और दलदली स्‍थानों की वनस्‍ति के साथ अनेक प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। इनमें से कुछ सामान्‍य है ग्रेब, अगरेट, लेसर एडजुटेंट, सारस, क्रेन, ब्‍लैक आइबिस, लैसर विसलिंग टीज, सफेद आंखों वाले बजार्ड, ब्‍लैक काइट, क्रेस्‍टेड सर्पेंट इंगल, काला गीध, इजिप्‍शन गीध, सामान्‍य पी फाउल, लाल जंगली फाउल, डव, पाराकिट, किंगफिशर और इंडियन रोलर। यहां पाए जाने वाले सरीसृप हैं कोबरा, क्रेट, वाइपर, रेट स्‍नैक, पाइथन, कछुएं और वारानस सहित कई प्रकार की छिपकलियां।


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