अजय कुमार मिश्रा
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पूरा नाम | अजय कुमार मिश्रा |
अन्य नाम | टैनी |
जन्म | 25 सितंबर, 1960 |
जन्म भूमि | लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश |
अभिभावक | पिता- अम्बिका प्रसाद मिश्रा माता- प्रेमदुलारी मिश्रा |
पति/पत्नी | पुष्पा मिश्रा |
संतान | दो पुत्र, एक पुत्री |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | राज्य मंत्री, गृह मंत्रालय- 7 जुलाई, 2021 से |
विद्यालय | छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर |
अन्य जानकारी | अजय कुमार मिश्रा खीरी लोकसभा सीट से 2019 में लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं। इससे पहले वह 2012 के विधानसभा चुनाव में लखीमपुर-खीरी की निघासन सीट से चुने गए थे। |
अद्यतन | 17:43, 18 जुलाई 2021 (IST)
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अजय कुमार मिश्रा (अंग्रेज़ी: Ajay Kumar Mishra, जन्म- 25 सितंबर, 1960, लखीमपुरखीरी, उत्तर प्रदेश) भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ, 16वीं लोकसभा में राजनेता और संसद सदस्य हैं। 7 जुलाई, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमण्डल में विस्तार तथा फेरबदल के बाद अजय कुमार मिश्रा को 'गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री' बनाया गया है। वह उत्तर प्रदेश के खीरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। अजय कुमार मिश्रा स्वास्थ्य के बारे में ग्रामीण युवाओं के बीच जागरूकता पैदा करते हैं। उनकी क्रिकेट, पावर लिफ्टिंग और कुश्ती में विशेष रुचि है। कई स्पोर्ट्स इवेंट्स में विश्वविद्यालय और जिला स्तर पर उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की है। कुश्ती, क्रिकेट और पावर लिफ्टिंग जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन भी कराया है।
परिचय
अजय कुमार मिश्रा 25 सितंबर, 1960 को लखीमपुर-खीरी के निघासन में बनबीरपुर में जन्मे। उन्होंने बीएससी और एलएलबी तक पढ़ाई की है। उनके पिता का नाम अंबिका प्रसाद मिश्रा है। अजय कुमार मिश्रा की पत्नी का नाम पुष्पा मिश्रा है। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। 2019 में दोबारा चुने जाने के बाद से वह पब्लिक अकाउंट्स कमिटी और फूड, कंज्यूमर अफेयर्स और पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन कमिटी के सदस्य हैं।[1]
राजनीति
अजय कुमार मिश्रा खीरी लोकसभा सीट से 2019 में लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं। इससे पहले वह 2012 के विधानसभा चुनाव में लखीमपुर-खीरी की निघासन सीट से चुने गए थे। हालांकि 2014 में बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया और खीरी लोकसभा सीट से टिकट दिया। उन्होंने करीब 1 लाख 10 हजार मतों के अंतर से बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार अरविंद गिरि को हराया था। 2019 के चुनाव में भी उन्होंने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और समाजवादी पार्टी की पूर्वी वर्मा को रिकॉर्ड सवा दो लाख मतों से हराया।
साफ-सुथरी छवि
टीम मोदी में जगह मिलने के पीछे एक वजह तो अजय कुमार मिश्रा की साफ-सुथरी छवि और लंबे समय से संघ परिवार से जुड़ाव और दूसरा क्षेत्र में एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरा होना माना जा रहा है। दरअसल लखीमपुर-खीरी, शाहजहांपुर, पीलीभीत, सीतापुर, बहराइच जैसे जिलों में ब्राह्मण वोटर अच्छी-खासी तादाद में हैं और 'टेनी' (अजय कुमार मिश्रा) को केंद्रीय मंत्री बनाने का फायदा 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल सकता है।[1]
सम्मान
अजय कुमार मिश्रा को हाल ही में 'संसद रत्न सम्मान' दिया गया है। साल 2010 में शुरू हुआ यह सम्मान सांसद की सदन में उपस्थिति, आचरण, उसकी सक्रियता और कार्यक्षमता जैसी अनेक बातों को देखकर दिया जाता है। यह सम्मान पाने वाले 'टेनी' यूपी के पहले सांसद हैं। देश के 23 सांसद अब तक यह सम्मान पा चुके हैं। अजय कुमार मिश्रा सदन में तकरीबन सौ फीसदी उपस्थिति, जनहित के मुद्दों को सदन में उठाने और अपने संसदीय क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 कौन हैं केंद्रीय मंत्री बने अजय मिश्र (हिंदी) navbharattimes.indiatimes.com। अभिगमन तिथि: 18 जुलाई, 2021।
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क्रमांक | मंत्री नाम | मंत्रालय |
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