कबीर यहु तन जात है -कबीर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
| ||||||||||||||||||||
|
कबीर यहु तन जात है, सकै तो ठौर लगाय। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि हे मानव! यह मानव शरीर नश्वर है। इसलिए हे जीव! इसके रहते हुए तू इसका सदुपयोग कर ले। तू या तो सन्तों की सेवा कर अथवा गोविन्द के गुणगान से अपने जीवन को सार्थक बना।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख