कबीर वार्या नाँव पर -कबीर
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कबीर वार्या नाँव पर, कीया राई लौनं। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि मैंने प्रभु के नाम पर अपने को पूर्णरूपेण समर्पित कर दिया है। जिसे भगवान सन्मार्ग पर लगा देता है, उसे भ्रमित कौन कर सकता है?
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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