चक्रनगर (मध्य प्रदेश)
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
चक्रनगर मध्य प्रदेश के 'केलझर' का प्राचीन नाम है। प्राचीन समय में इसे 'चक्रपुर' भी कहा जाता था। यहाँ के पराने दुर्ग के ध्वंसावशेषों में एक दरवाज़ा अभी तक दिखाई देता है, जिसके पत्थरों पर विभिन्न देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियाँ उत्कीर्ण हैं।[1]
- दुर्ग के भीतर नागपुर के भौंसला नरेश के इष्टदेव गणपति का मंदिर है।
- वापिका के निकट कई जैन मूर्तियाँ भी दिखलाई देती हैं, जो कला की दृष्टि से उत्कृष्ट नहीं हैं।
- एक स्तंभ पर जैन तीर्थंकर महावीर का समवाशरण बहुत ही सुंदर ढंग से उत्कीर्ण किया गया है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 325 |