वैरंत्य नगर
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वैरंत्य नगर संस्कृत के प्रसिद्व नाटककार भास के 'अविमारक' नाटक की पार्श्वस्थली था।
- यहाँ राजा कुंतिभोज की राजधानी थी।
- 'हर्षचरित' में इस नगर को रंतिदेव की राजधानी कहा गया है।
- वैरंत्य नगर मालवा का एक छोटा-सा नगर था, जिसकी स्थिति चंबल की सहायक अश्व नदी के तट पर थी।
- इस नगर को 'भोज' भी कहते थे।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 881 |