जिहि पैंडै पंडित गए -कबीर
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जिहि पैंडै पंडित गए, दुनियाँ परी बहीर। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि हे मानव! जिस मार्ग से शास्त्रज्ञानी पंडित और संसार की भीड़ चलती रहती है, कबीर उस मार्ग पर नहीं चले। परमतत्व का मार्ग अत्यन्त दुर्गम है। वह दुर्गम, कठिन और सँकरा मार्ग गुरु ने बतलाया और कबीर ने उसी मार्ग का अनुशरण कर परमतत्व तक आरोहण किया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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