जीवन मरन बिचारि करि -कबीर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
| ||||||||||||||||||||
|
जीवन मरन बिचारि करि, कूरे काँम निवारि। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि हे मानव! जीवन-मरण का विचार कर अर्थात् यह समझ ले कि जीवन थोड़े दिन का है, अन्तत: मरना है। इसलिए अक्षम्य कर्मों का परित्याग कर और जिस भक्ति मार्ग पर तुझे चलना है, उसे अभी से सुधार ले।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख