झंग
झंग पश्चिमी पाकिस्तान में स्थित एक ज़िला है। कथा साहित्य में प्रसिद्ध 'हीर राँझा' की क़ब्र इसी स्थान पर है। इस ज़िले का पूर्वी भाग राचना दोआब तथा दक्षिणी भाग चिनाब और रावी नदियों के संगम तक फैला है। यह नगर अनाज, चमड़ा, साबुन तथा बरतनों के लिये प्रसिद्ध है।
भौगोलिक संरचना
झंग ज़िले का क्षेत्रफल 3,415 वर्ग मील है। इस ज़िले का पूर्वी भाग राचना दोआब तथा दक्षिणी भाग चिनाब और रावी नदियों के संगम तक फैला है। इन नदियों के दोनों ओर नहरों द्वारा सिंचाई होने से उपजाऊ मैदान बन गए है। संपूर्ण भाग जलोढ़ मिट्टी से बना है। केवल किराना और चीनीआट के समीप क्वार्टजाइट चट्टानें दृष्टिगोचर होती हैं। यहाँ की जलवायु दक्षिणी-पश्चिमी पंजाब के समान है। यहाँ की वार्षिक वर्षा 8" से 11" तक है। गर्मियों में ताप काफ़ी ऊँचा रहता है।[1]
तहसील
'झंग' पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का ज़िला है। ज़िले की राजधानी झंग शहर है। इस ज़िले की चार तहसीलें हैं-
- झंग
- अठारा हज़ारी
- शोरकोट
- अहमदपुर सियाल
झंग ज़िले की सीमाएँ उत्तर में सरगोधा ज़िले से, उत्तर-पूर्व में गुजराँवाला ज़िले से, पूर्व में फ़ैसलाबाद और टोबा टेक सिंह ज़िलों से, दक्षिण में ख़ानेवाल और मुज़फ़्फ़रगढ़ ज़िलों से, पश्चिम में लइया और भक्कर ज़िलों से और पश्चिमोत्तर में ख़ुशाब ज़िले से लगतीं हैं।
भाषा
झंग ज़िले का इलाक़ा पंजाब और पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे पुराने आबाद हुए क्षेत्रों में से एक समझा जाता है। यहाँ पंजाबी भाषा की एक अलग 'झंगोची' नामक उपभाषा बोली जाती है, जिसे कभी-कभी 'झांगवी' या 'रचनावी' भी कहते हैं। पंजाब के दो लोक-नृत्य 'झुम्मर' और 'सम्मी' झंग से ही उत्पन्न हुए हैं।
प्रसिद्धि
पंजाब की प्रसिद्ध 'हीर राँझा' प्रेमकथा की 'हीर' भी झंग ज़िले की ही रहने वाली थी। झंग और मधियाला दो मील के अंतर पर स्थित हैं, किंतु सड़क द्वारा संबंधित हैं। इस नगर के पश्चिम में चिनाब नदी प्रवाहित होती है। यह नगर अनाज, चमड़ा, साबुन तथा बरतनों के लिये प्रसिद्ध है। वर्ष 1867 ई. में झंग-मधियाना की सम्मिलित नगरपालिका का निर्माण किया गया था।
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