दिवाकर शर्मा

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दिवाकर शर्मा (अंग्रेज़ी: Divakar Sharma, जन्म- 5 अप्रॅल, 1933) संस्कृत, हिंदी तथा राजस्थानी भाषाओं के विद्वान थे। उन्होंने त्रैमासिक पत्रिका 'विश्वम्भरा' का सम्पादन कार्य किया था। दिवाकर शर्मा 'वरदा', 'वैचारिकी' तथा 'कला-दर्शन' पत्रिकाओं के परामर्श मंडल के भी सदस्य रहे।

परिचय

  • दिवाकर शर्मा ने संस्कृत की कलाधि स्नातक परीक्षा कोटा में उत्तीर्ण की। पीएच.डी. की उपाधि राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से प्राप्त की थी।
  • साहित्य, संस्कृति तथा इतिहास का प्रतिबोधन दिवाकर शर्मा ने अपने पिता विद्यावाचस्पति विद्याधर शास्त्री तथा चाचा प्रोफेसर दशरथ शर्मा से हुआ।
  • आप डूंगर कॉलेज, बीकानेर में संस्कृत के प्राध्यापक नियुक्त हुए थे। इस पद से उनकी सेवानिवृत्ति 1991 में हुई।
  • बाद में दिवाकर शर्मा ने संस्कृत, हिंदी तथा राजस्थानी के प्रोत्साहन हेतु स्थापित संस्था, हिंदी विश्व भारती अनुसंधान परिषद (बीकानेर) का निर्देशन किया।
  • शोध पत्रिका 'विश्वम्भरा' के दिवाकर शर्मा जीवन पर्यन्त संपादक रहे।

संपादन कार्य

दिवाकर शर्मा हिंदी विश्व भारती अनुसंधान परिषद की त्रैमासिक शोध पत्रिका 'विश्वम्भरा' के आप संपादक रहे। राजस्थानी ज्ञानपीठ की राजस्थानी भाषा की पत्रिका 'राजस्थानी गंगा' के संपादन कार्य से भी वह सम्बंधित रहे। 'वरदा', 'वैचारिकी' तथा 'कला-दर्शन' पत्रिकाओं के परामर्श मंडल के भी वह सदस्य रहे थे।

सम्मान

  • राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर द्वारा विशिष्ट विद्वत सम्मान।
  • राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर द्वारा विशिष्ट साहित्यकार सम्मान।
  • राजस्थान की अनेक सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्थाओं ने दिवाकर शर्मा को सम्मान प्रदान किये।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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