शांति हीरानंद

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शांति हीरानंद
शांति हीरानंद
शांति हीरानंद
पूरा नाम शांति हीरानंद चावला
प्रसिद्ध नाम शांति हीरानंद
जन्म 1932
जन्म भूमि लखनऊ, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 10 अप्रॅल, 2020
मृत्यु स्थान गुरुग्राम, हरियाणा
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र शास्त्रीय संगीत
पुरस्कार-उपाधि 'पद्मश्री' (2007)
प्रसिद्धि शास्त्रीय संगीतज्ञ, ग़ज़ल गायिका
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख बेगम अख़्तर
अन्य जानकारी शांति हीरानंद सादगी का प्रतीक थीं। लखनवीं अंदाज़ में बात करने का उनका लहजा उनके व्यक्तित्व में चार चांद लगा देता था।

शांति हीरानंद चावला (अंग्रेज़ी: Shanti Hiranand Chawla, जन्म- 1932, लखनऊ, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 10 अप्रॅल, 2020, गुरुग्राम, हरियाणा) मशहूर शास्त्रीय संगीतज्ञ, ग़ज़ल गायिका और पद्मश्री से सम्मानित थीं। मल्लिका-ए-ग़ज़ल, पद्म भूषण बेगम अख़्तर की रत्न शिष्या कह लें या बेगम साहिबा की रवायत को कायम रखने वाली सबसे मजबूत स्तम्भ डॉक्टर शांति हीरानंद जी थीं। उन्होंने बेगम अख़्तर की गाई ठुमरी, ग़ज़लें और दादरे को इतनी खूबसूरती से गाया कि जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है। शांति हीरानंद अपने शिष्यों के बीच भी काफ़ी लोकप्रिय थीं।

परिचय

शांति हीरानंद का जन्म 1932 में एक व्यावसायिक परिवार में लखनऊ शहर में हुआ था। उनके परिवार के लोग काफी पढ़े-लिखे थे। उन्होंने ठुमरी, दादरा और ग़ज़ल में बेगम अख़्तर से तालीम हासिल की थी। शांति हीरानंद ने लाहौर, इस्लामाबाद, टोरंटो, बोस्टन, न्यूयॉर्क और वाशिंगटन सहित दुनिया भर में कई स्थानों पर प्रस्तुति दी थी। उनके बारे में एक बार बेगम अख़्तर ने कहा था, "मेरी मौत के बाद अगर आप मेरी आवाज़ सुनना चाहते हैं तो इसे शांति के गायन के माध्यम से सुन सकते हैं"।[1]

सादगी का प्रतीक

शांति हीरानंद सादगी का प्रतीक थीं। लखनवीं अंदाज़ में बात करने का उनका लहजा उनके व्यक्तित्व में चार चांद लगा देता था। वह काफी समय से वह गुरुग्राम में रहकर संगीत की शिक्षा दे रही थीं, लेकिन उनका लखनऊ जाना होता रहता था। उनकी गुरु बेगम अख़्तर मूलरूप से फैजाबाद की रहने वाली थीं।

मृत्यु

दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में मशहूर शास्त्रीय संगीतज्ञ व ग़ज़ल गायिका शांति हीरानंद का निधन 10 अप्रॅल, 2020 को हुआ। 87 वर्षीय शांति हीरानंद ने शुक्रवार के दिन सुबह तकरीबन 3 बजे फॉर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह पिछले काफी समय से गैस्ट्रोएंट्राइटिस की समस्या से पीड़ित थीं। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें फोर्टिस अस्पताल लाया गया था, जहां पर गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्होंने आइसीयू में शिफ्ट किया गया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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