पीछैं लागा जाइ था -कबीर
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पीछैं लागा जाइ था, लोक वेद के साथि। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि मैं अज्ञान रूपी अन्धकार में भटकता हुआ लोक और वेदों में सत्य खोज रहा था। मुझे भटकते देखकर मेरे सद्गुरु ने मेरे हाथ में ज्ञानरूपी दीपक दे दिया जिससे मैं सहज ही सत्य को देखने में समर्थ हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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